KISAN ANDOLAN: जयकारों के साथ किसानों की घर वापसी शुरू; कुछ दिनों में खाली हो जाएंगे बॉर्डर और हाईवे

378 दिनों तक चले किसान आंदोलन (Farmers protest) समाप्त होने के बाद 11 और 12 दिसंबर को किसानों की घर वापसी होगी। इस दौरान पंजाब सरकार आंदोलित किसानों का जगह-जगह स्वागत करेगी। इस बीच नेशनल हाईवे 44 पर आंदोलन के दौरान बनाए गए ईंटों के मकान तोड़ दिए गए हैं।

Asianet News Hindi | Published : Dec 11, 2021 3:14 AM IST / Updated: Dec 11 2021, 09:03 AM IST

नई दिल्ली. तमाम मुद्दों पर सरकार से समझौता होने के बाद आंदोलित किसानों की घर वापसी आज और कल यानी 11-12 दिसंबर को पूरी हो जाएगी। संयुक्त किसान मोर्चा  (Sanyukta Kisan Morcha) ने घर वापसी के लिए ये दो दिन तय किए हैं। इस दौरान पंजाब सरकार आंदोलित किसानों का जगह-जगह स्वागत करेगी। किसान 11 दिसंबर को सुबह 9 बजे पंजाब के लिए जाना शुरू हो गए। टीकरी बॉर्डर से किसान पटियाला, मनसा के रास्ते पंजाब (Punjab) जाएंगे। इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) ने शुक्रवार को ऐलान किया था कि दिल्ली की सीमाओं से लौटने वाले किसानों का उनकी सरकार स्वागत करेगी। 

MSP को लेकर अटकी हुई थी घर वापसी
किसान नेता न्यूनतम समर्थन मूल्य(MSP) को लेकर सरकार से लिखित में वादा चाहते थे। सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) को कई दिनों की बातचीत के साथ अपना प्रस्ताव दिया था। इसके बाद आंदोलन खत्म करने की घोषणा कर दी गई थी। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने  गुरुनानक देवजी की 552वीं जयंती(Guru Nanak Jayanti 2021) पर 19 नवंबर को तीनों कृषि कानून(AgricultureBill) रद्द करने का ऐलान किया था।  इसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा  (Sanyukta Kisan Morcha) की सिंघु बॉर्डर पर लगातार कई बैठकें हुईं। इनमें न्यूनतम समर्थन मूल्य(MSP) और किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। 

26 नवंबर 2020 से चल रहा आंदोलन, 700 मौतें हुईं 
सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर आंदोलन की शुरुआत 26 नवंबर 2020 को हुई थी। उसके बाद किसानों ने एक साल तक दोनों ही बॉर्डर को अपना घर बनाए रखा। इनमें बहुत से किसान ऐसे हैं, जो आंदोलन के पहले दिन से ही यहां डटे रहे। एक दिन भी घर नहीं गए। ऐसे किसानों का मंच से सम्मान भी किया गया। किसान आंदोलन के दौरान करीब 700 किसानों की अलग-अलग वजहों से मौत भी हुई। हालांकि सरकार संसद में यह कह चुकी है कि उनके पास ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है।

कुछ दिनों में पूरी तरह आंदोलन सिमट जाएगा
हालांकि किसानों को पूरी तरह से घर लौटने में अभी कुछ दिन और लगेंगे। 15 दिसंबर तक पंजाब-हरियाणा आदि टोल, पेट्रोल पंपों पर चल रहा प्रदर्शन पूरी तरह खत्म हो जाएगा। यानी दिल्ली की सड़कें पूरी तरह से खाली कर दी जाएंगी। दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर से भी बैरिकेड्स हटा लिए जाएंगे।

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