बेंगलुरु में किसान नेता राकेश टिकैत के चेहरे पर काली स्याही फेंकी, कुर्सियां तक चलीं, सामने आया वीडियो

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ बड़ा किसान आंदोलन खड़ा करने वाले राकेश टिकैत(Farmers protest fame Rakesh Tikait) के चेहरे पर बेंगलुरु में गुस्साए लोगों ने काली स्याही फेंक दी। वे एक चैनल के स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो पर सफाई देने पहुंचे थे, जिसमें उन पर भी पैसे लेने के आरोप लगे हैं।

Amitabh Budholiya | Published : May 30, 2022 8:26 AM IST / Updated: May 30 2022, 03:00 PM IST

बेंगलुरु. किसान नेता राकेश टिकैत का बेंगलुरु में बेहद अपमानजनक स्थिति का सामना करना पड़ा है। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ बड़ा किसान आंदोलन खड़ा करने वाले राकेश टिकैत(Farmers protest fame Rakesh Tikait) के चेहरे पर बेंगलुरु में गुस्साए लोगों ने काली स्याही फेंक दी। वे एक चैनल के स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो पर सफाई देने पहुंचे थे, जिसमें उन पर भी पैसे लेने के आरोप लगे हैं। राकेश टिकैत के अलावा युद्धवीर सिंह पर भी स्याही फेंकी गई। इस दौरान मारपीट तक की नौबत आ गई। लोगों ने मारने के लिए कुर्सियां तक उठा लीं। इस घटना का वीडियो न्यूज एजेंसी ANI ने जारी किया है।

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मारने के लिए लोगों ने कुर्सियां तक उठा लीं
किसान नेता राकेश टिकैत बेंगलुरु के गांधी भवन में मीडिया से बातचीत कर रहे थे, तभी यह घटना हुई। पुलिस ने स्याही फेंकने वाले शख्स को गिरफ्तार कर लिया है। राकेश टिकैत और युद्धवीर सिंह एक लोकल चैनल के स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो पर सफाई देने यहां पहुंचे थे। तभी वहां मौजूद लोगों से उनकी बहस हो गई।  राकेश टिकैत ने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस की है। टिकैत ने इस घटना के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया।  घटना के बाद टिकैत समर्थकों ने आरोपी को पकड़ लिया और उसकी जमकर पिटाई कर दी। कहा जा रहा है कि जिस शख्स ने स्याही फेंकी वो यहां के किसान नेता चंद्रशेखर का समर्थक है। इस घटना के बाद किसान सभा के अध्यक्ष अवनीश पवार ने कहा कि मामले की जांच होनी चाहिए। वहीं, किसान यूनियन के महासचिव सावित मलिक ने कहा कि किसानों पर लाठीचार्ज तक हुआ है, इसलिए वे स्याही से नहीं डरने वाले हैं।

वसूली को लेकर सफाई देने पहुंचे थे
दरअसल, कर्नाटक के किसान नेता कोडिहल्ली चंद्रशेखर(Kodihalli Chandrashekhar) का किसानों के नाम पर किसी से वसूली करते एक चैनल ने स्टिंग किया था। टिकैत-युद्धवीर प्रेस यह सफाई देने आए थे कि उनका चंद्रशेखर से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने जब कहा कि चंद्रशेखर के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, तभी मामला बिगड़ गया। वीडियो में साफ देख जा सकता है कि कैसे टिकैत समर्थक और विरोध एक-दूसरे पर लात-घूंसे और कुर्सियां मार रहे थे।

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