
नई दिल्ली. Afghanistan में तालिबान की सरकार बनने के बाद कई मुस्लिम नेताओं और दूसरे लोगों ने विवादास्पद बयान दिए थे। इनमें शायर मुनव्वर राणा और सपा सांसद शफीककुर्रहमान बर्क भी शामिल हैं। अब National Conference के नेता फारुख अब्दुल्ला ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि तालिबान इस्लामिक सिद्धांतों पर अच्छी सरकार देगा। उनके इस बयान पर भाजपा ने आपत्ति लेते हुए कई सवाल खड़े किए हैं।
शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की 39वीं बरसी पर दिया बयान
नेकां अध्यक्ष डॉ फारुक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को मजार-कायदा में शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की 39वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी। (तस्वीर साभार- नदीम।) इस मौके पर फारुख ने तालिबान को लेकर यह विवादास्पद बयान दिया।
इस्लामिक नियमों के आधार पर शासन करना चाहिए
फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि तालिबान एक अच्छा शासन देगा। उसे दुनिया के सभी देशों के साथ अच्छे संबंध बनाने चाहिए। अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें उम्मीद है तालिबान सबको इंसाफ देगा।
भाजपा ने खड़े किए कई सवाल
फारुख अब्दुल्ला के बयान पर भाजपा ने कड़ी आपत्ति लेते हुए कई सवाल खड़े किए हैं। जम्मू-कश्मीर में भाजपा के सीनियर लीडर निर्मल सिंह ने कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान महिलाओं पर अत्याचार कर रहा है, लेकिन यहां फारुख अब्दुल्ला उसके समर्थन में खड़े हैं। निर्मल सिंह ने सवाल किया कि फारुख अब्दुल्ला सिर्फ उन्हें देशों में सेक्युलिरिज्म चाहते हैं, जहां मुस्लिम अल्पसंख्यक है। जहां मुसलमानों की संख्या अधिक है, वहां इस्लामिक नियम की बात करते हैं।
राणा और बर्क भी दे चुके हैं विवादास्पद बयान
अब्दुल्ला से पहले शायर मुनव्वर राणा और यूपी के संभल से समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क (Shafiqur Rahman Barq) भी तालिबान (Taliban) के समर्थन में बयान देकर अपनी फजीहत करा चुके हैं। राणा ने तालिबान की तुलना रामायण के रचियता महर्षि बाल्मीकि से कर दी थी। जबकि सपा सांसद ने तालिबानियों की तुलना भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों से करके सनसनी फैला दी थी।
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