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Shocking: जब अफगानियों ने लगाए पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे, तो गुस्से में Taliban लड़ाकों ने मार दी गोली
काबुल. Afghanistan में मंगलवार शाम Taliban की सरकार के ऐलान के बाद विद्रोह बढ़ता जा रहा है। पंजशीर के बाद अब काबुल, हेरात और जलालाबाद में भी अफगानी बड़ी संख्या में तालिबान के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। वे पाकिस्तान के हस्तक्षेप भी पसंद नहीं कर रहे हैं। अपने खिलाफ बढ़ते विद्रोह को कुचलने तालिबान क्रूर तरीके अपना रहा है। खबर है कि हेरात में प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए तालिबानी लड़ाकों ने फायरिंग कर दी। इसमें 2 लोगों की मौत हो गई, जबकि 8 लोग घायल बताए जाते हैं। इसके बावजूद अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ विरोध बढ़ता जा रहा है।
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प्रदर्शनकारियों ने एक पोस्ट करते हुए लिखा-प्रतिरोध फैल रहा है। काबुल, हेरात और जलालाबाद तक। लगभग 1 लाख समर्थकों के साथ चरमपंथी और हिंसक तालिबान 35 करोड़ की पूरी आबादी पर खुद को थोप नहीं सकते।
(यह तस्वीर हेरात की है, जहां प्रदर्शनकारियों पर तालिबानी लड़ाकों ने यूं बंदूक तान दी थी। फोटो साभार-रॉयटर्स)
तालिबान ने अपनी सरकार में महिलाओं को कोई तवज्जो नहीं दी है। वहीं, शरिया कानून के तहत सरकार चलाए जाने से महिलाओं पर कई तरह की पाबंदियां भी रहेंगी।
तालिबान के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन में महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। उनकी मांग है कि अफगान महिलाओं की रक्षा की जाए।
तालिबान सरकार में पाकिस्तान की भूमिका को लेकर भी अफगान के लोग पसंद नहीं कर रहे। मंगलवार को तालिबान ने सरकार का ऐलान कर दिया। इससे पहले पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद की काबुल यात्रा ने तालिबान ओर पाकिस्तान की सांठगांठ को उजागर कर दिया था।
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क्या डिग्रियां जरूरी नहीं?
तालिबान सरकार में शिक्षा मंत्री ( Education Minister) बनाए गए शेख मौलवी नूरुल्लाह मुनीर ने आते ही एक विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पीएचडी या मास्टर डिग्री की कोई वैल्यू नहीं है। मुल्लाओं और सत्ता में शामिल तालिबानी नेताओं के पास इनमें से कोई डिग्री नहीं है। उनके पास तो हाईस्कूल की डिग्री भी नहीं है। फिर भी वे महान हैं।
यह तस्वीर तालिबान और पाकिस्तान के विरोध में सड़कों पर उतरे लोगों की है। विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है।
तालिबान का बयान-फहीद दश्ती को हमने नहीं मारा
इस बीच तालिबान सरकार में कार्यवाहक सूचना और संस्कृति मंत्री और तालिबान के प्रवक्ता (Acting minister of information and culture and spokesperson) जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि पंजशीर प्रांत में प्रतिरोध बल(NRF) के प्रवक्ता फहीम दश्ती को उसने नहीं मारा है। वे कमांडर अब्दुल वोदूद के साथ आपसी लड़ाई में मारे गए। मुजाहिद ने कहा कि जनरल जुरात और कमांडर गुल हैदर के बीच मध्यस्थता के दौरान दोनों मारे गए थे। मुजाहिद ने कहा कि जुरात आत्मसमर्पण करना चाहता था और अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात में शामिल होना चाहता था, जिसका तब अन्य कमांडरों ने विरोध किया था। बता दें कि पंजशीर प्रांत में प्रतिरोध बलों के सह-नेता अहमद मसूद ने सोमवार को एक वॉयस क्लिप में कहा कि उन्होंने अपने परिवार के सदस्य और प्रतिरोध के प्रवक्ता को खो दिया है।