लोकसभा में प्याज के मुद्दे पर छिड़ी बहस के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्याज की बढ़ती कीमतों से उन पर कोई खास असर नहीं पड़ा है क्योंकि उनका परिवार प्याज-लहसुन जैसी चीजों को खास पसंद नहीं करता है। मैं बहुत ज्यादा प्याज-लहसुन नहीं खाती, इसलिए चिंता न करें।
नई दिल्ली. देश भर में प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर एक ओर जहां हंगामा बरपा है। वहीं, दूसरी ओर लोगों द्वारा सस्ते प्याज की मांग की जा रही है। इन सब के बीच नेताओं द्वारा बयानों का दौर जारी है। इन सब को लेकर लोकसभा में प्याज के मुद्दे पर छिड़ी बहस के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्याज की बढ़ती कीमतों से उन पर कोई खास असर नहीं पड़ा है क्योंकि उनका परिवार प्याज-लहसुन जैसी चीजों को खास पसंद नहीं करता है। उन्होंने कहा कि मैं बहुत ज्यादा प्याज-लहसुन नहीं खाती, इसलिए चिंता न करें।
नहीं है प्याज की परवाह
संसद में जवाब देने के लिए खड़ी हुई निर्मला सीतारमण ने कहा कि मैं ऐसे परिवार से आती हूं, जिसे प्याज की कोई खास परवाह नहीं है। हालांकि वित्त मंत्री के इस बयान के बाद संसद में हंसी के ठहाके लगे। वित्त मंत्री निर्मला सीमारमण का ये बयान ऐसे समय में आया जब वह लोकसभा में सरकार की ओर से प्याज की कीमतों पर उठाए जा रहे कदम की जानकारी दे रही थीं। उन्होंने कहा कि प्याज के भंडारण से जुड़े ढांचागत मुद्दों का समाधान निकालने के उपाय पर सरकार काम कर रही है।
सुले ने पूछा, क्यों गिरा प्याज का उत्पादन
निर्मला सीतारमण के बयान से पहले एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने प्याज के किसानों का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि मैं सरकार से प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर एक सवाल करना चाहती हूं. सरकार मिस्र से प्याज मंगवा रही है, जो प्याज की कीमत कम करने के लिए जरूरी भी है। मैं सरकार के इस कदम की सराहना भी करती हूं लेकिन मैं सरकार से पूछना चाहती हूं कि आखिर प्याज का उत्पादन गिर क्यों गया? उन्होंने कहा कि मैं महाराष्ट्र से आती हूं, जहां बड़े पैमाने पर प्याज की पैदावार की जाती है. यहां के छोटे किसान जो प्याज का उत्पादन करते हैं, उन्हें बचाने की जरूरत है।
तुर्की से मंगाया जा रहा प्याज
गौरतलब है कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी, एमएमटीसी ने तुर्की से 4,000 टन प्याज आयात करने का एक और आर्डर दिया है। आयात की यह खेप जनवरी मध्य तक पहुंचने की उम्मीद है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि सरकार ने देश में प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं, इसमें भंडारण से जुड़े मुद्दों का समाधान निकालने के उपाय शामिल हैं। लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा, ‘प्याज के भंडारण से कुछ ढांचागत मुद्दे जुड़े हैं और सरकार इसका निपटारा करने के लिये कदम उठा रही है।’ उन्होंने कहा कि खेती के रकबे में कमी आई है और उत्पादन में भी गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन सरकार उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठा रही है।