जब Dr.Ambedkar की हार पर नेहरु ने लेडी माउंटबेटन को लिखा था पत्र

‘इस चुनाव की सबसे चौकाने वाली व दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह रही कि विरोधी विचारधारा वाले दलों का गठबंधन बना। सोशलिस्टों का गठबंधन अंबेडकर की पार्टी से हुआ। इसका नतीजा यह हुआ कि ये लोग जनता में अपना विश्वास खो दिये। अंबेडकर ने हिंदू सांप्रदायिक दलों के साथ समझौता किया। कृपलानी की पार्टी ने भी अजीब गठबंधन किया है। उनकी पार्टी राइटविंग के साथ हो ली। उन्होंने लिखा है कि आम चुनाव में वह सभी प्रकार के गठबंधन हुए जो विचारधाराओं के आधार पर एक दूसरे के करीब नहीं आ सकते थे लेकिन कांग्रेस को हराने के लिए सभी एक साथ आए।'

Asianet News Hindi | Published : Apr 15, 2021 11:28 AM IST / Updated: Apr 15 2021, 05:01 PM IST

नई दिल्ली। देश आजाद हो चुका था। आम चुनावों में कांग्रेस को भारी सफलता मिली थी। 1952 में हुए आम चुनाव में कांग्रेस की सफलता पर पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु ने एडविना माउंटबेटन को पत्र लिखा था। पत्र में वह भारत में कांग्रेस की जीत और विरोधियों की हार का जिक्र करते हैं। चिट्ठी में अंबेडकर का सोशलिस्टों से गठबंधन व हार का भी जिक्र है। अंबेडकर जयंती पर एक बार फिर नेहरु का यह पत्र सोशल मीडिया पर सुर्खियों बटोर रहा। 
एडविना को लिखा गया पत्र काफी लंबा है लेकिन उसका कुछ अंश इस तरह है। 

पंडित नेहरु लिखते हैं, ‘हम बांबे सिटी और बांबे प्रांत में उम्मीद से अधिक सफल हुए हैं। अंबेडकर इस चुनाव में बाहर हो गए हैं। सोशलिस्टों का भी प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा है। हालांकि, कम्युनिस्ट और कम्युनिस्ट नेतृत्व का एक ग्रुप काफी बेहर प्रदर्शन इस चुनाव में किया है जिसकी उम्मीद भी नहीं की जा रही थी। पूरे देश में कांग्रेस ने बेहतर प्रदर्शन किया है। कुछ निर्दलीय भी जीतकर आए हैं।' 
पत्र में उन्होंने आगे लिखा है...‘इस चुनाव में अन्य राजनीतिक दलों या ग्रुपों ने मुद्दों की बात करने की बजाय पर्सनल अटैक पर विशेष जोर दिया। उत्तर भारत में हमारा मुख्य विरोधी दल हिंदू व सिखों का सांप्रदायिक ग्रुप है। इनका निशाना मैं व्यक्तिगत रूप से था।' 

 


 

एडविना को उन्होंने लिखा है, ‘इस चुनाव की सबसे चौकाने वाली व दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह रही कि विरोधी विचारधारा वाले दलों का गठबंधन बना। सोशलिस्टों का गठबंधन अंबेडकर की पार्टी से हुआ। इसका नतीजा यह हुआ कि ये लोग जनता में अपना विश्वास खो दिये। अंबेडकर ने हिंदू सांप्रदायिक दलों के साथ समझौता किया। कृपलानी की पार्टी ने भी अजीब गठबंधन किया है। उनकी पार्टी राइटविंग के साथ हो ली।'

उन्होंने लिखा है कि आम चुनाव में वह सभी प्रकार के गठबंधन हुए जो विचारधाराओं के आधार पर एक दूसरे के करीब नहीं आ सकते थे लेकिन कांग्रेस को हराने के लिए सभी एक साथ आए।' 

भारत की आंतरिक राजनीतिक गतिविधियों पर लिखे पत्र की आलोचना

देश में हुए चुनाव और आंतरिक राजनीति पर पंडित नेहरु का एडविना माउंटबेटन को लिखा यह पत्र खूब वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी हुई है कि विशुद्ध आंतरिक राजनीति की बातों को एक विदेशी महिला के साथ साझा करने की क्या तुक रही होगी। 
 

Share this article
click me!