राहुल ने पूछा, जवानों को निहत्थे क्यों भेजा, विदेश मंत्री ने कहा, हथियार थे, लेकिन इस्तेमाल नहीं कर सकते थे

चीन की धोखेबाजी पर राहुल गांधी ने पूछा, सरकार ने बिना हथियार के जवानों को शहीद होने के लिए क्यों भेज दिया। चीन की इतनी हिम्मत कैसे हो गई कि वह हमारे जवानों की हत्या कर सके। इस पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जवाब दिया। उन्होंने कहा, गलवान में जो जवान शहीद हुए वे निहत्थे नहीं थे। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 18, 2020 12:31 PM IST / Updated: Feb 05 2022, 03:21 PM IST

नई दिल्ली. चीन की धोखेबाजी पर राहुल गांधी ने पूछा, सरकार ने बिना हथियार के जवानों को शहीद होने के लिए क्यों भेज दिया। चीन की इतनी हिम्मत कैसे हो गई कि वह हमारे जवानों की हत्या कर सके। इस पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जवाब दिया। उन्होंने कहा, गलवान में जो जवान शहीद हुए वे निहत्थे नहीं थे। उनके पास हथियार थे। विदेश मंत्री ने 1996 और 2005 के समझौते का हवाला दिया और कहा कि टकराव के दौरान जवान इन हथियारों का इस्तेमाल नहीं कर सकते थे। 

Latest Videos

LAC के 2 किमी. की रेंज में नहीं ले जा सकते हैं हथियार
संबित पात्रा ने भी राहुल गांधी को जवाब दिया। उन्होंने कहा, राहुल को लॉकडाउन का इस्तेमाल करते हुए किताबें पढ़नी चाहिए थीं। कांग्रेस की सरकारों के वक्त में ही पुराने समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। ये जानकारी उन्हें होनी चाहिए। पात्रा ने कहा कि दोनों देशों के बीच समझौता हुआ था कि एलएसी के दो किलोमीटर रेंज में गन, बम इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। ऐसे में हथियार देकर भेजने का मतलब ही नहीं है।

पत्थर और कटीले तारों से किया था हमला
पूर्वी लद्दाख में 15 जून को भारतीय सैनिक चीनी सैनिकों के पास वापस जाने के लिए कहने आए थे। लेकिन चीनी सैनिक पहले से ही पत्थल इकट्ठा हुए तैयार थे। उन्होंने भारतीय सैनिकों पर ऊंचाई से पत्थर बरसाए। फिर कील लगे डंडे और लोहे की रॉड से हमला किया। बता दें कि सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए। हालांकि भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को मारते-मारते दम तोड़ा। यही वजह है कि चीन के 40 जवान की मौत हुई।

15 जून की रात सीमा पर क्या हुआ था?
पूर्वी लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच झपड़ में भारत के कर्नल रैंक के अधिकारी सहित 20 जवान शहीद हो गए। इस घटना पर विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि चीन ने ऐसा क्यों किया? विदेश मंत्रालय ने बताया कि जहां एक तरफ बातचीत के जरिए विवाद सुलझाने की कोशिश हो रही है, वहां चीन ने ऐसी धोखेबाजी क्यों की? मंत्रालय ने साफ-साफ शब्दों में कह दिया कि 15 जून को देर शाम और रात को चीन की सेना ने वहां यथास्थिति बदलने की कोशिश की। यथास्थिति से मतलब है कि चीन ने एलएसी बदलने की कोशिश की। भारतीय सैनिकों ने रोका और इसी बीच झड़प हुई।

Share this article
click me!

Latest Videos

PM Modi ने बाइडेन को गिफ्ट की चांदी की ट्रेन, फर्स्ट लेडी को दी पश्मीना शॉल, जानें क्या है खास
Odisha Case: Rahul Gandhi ने Army अधिकारी की मंगेतर से थाने में बर्बरता पर साधा निशाना
झारखंड में सिर्फ भाजपा ही कर सकती है ये काम #shorts
Pitru Paksha 2024: बिना पैसा खर्च किए कैसे करें पितरों को खुश ?
मुजफ्फरनगर में क्यों भिड़ गए योगी के 2 मंत्री, जमकर हुई तू-तू, मैं-मैं । Anil Kumar । Kapil Dev