रिपोर्ट में पाकिस्तान व चीन को उतरी और पश्चिमी सीमाओं पर अशांति के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।
Foreign Ministry annual report: भारत के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को अपना वार्षिक रिपोर्ट जारी किया है। विदेश मंत्रालय ने अपने एनुअल रिपोर्ट में बार्डर पर दुश्मनी को लेकर पाकिस्तान और चीनी की कड़ी आलोचना की है। रिपोर्ट में पाकिस्तान व चीन को उतरी और पश्चिमी सीमाओं पर अशांति के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद में कोई कसर नहीं छोड़ी गई है और इस्लामाबाद ने 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों के पीड़ितों के परिवारों को न्याय दिलाने में अभी तक गंभीरता नहीं दिखाई है।
चीन के साथ भारत का जटिल जुड़ाव...
विदेश मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि चीन का भारत के साथ जटिल जुड़ाव है। 2020 में पूर्वी लद्दाख में सीमा पर शांति को गंभीर रूप से बिगाड़ने में चीन ने व्यापक स्तर पर गड़बड़ियां की। हालांकि, भारतीय सुरक्षा बलों ने उचित प्रतिक्रिया के साथ स्थितियों को संभाला लिया। अब दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए हैं कि बार्डर डिस्प्यूट के अंतिम समाधान होने तक शांति बनाए रखने के लिए द्विपक्षीय संबंधों को जारी रखेंगे। वैसे अप्रैल-मई 2020 से शुरू होकर चीनी पक्ष ने पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ-साथ यथास्थिति में एकतरफा बदलाव करने के कई प्रयास किए। मंत्रालय ने सीमा मुद्दे को हल करने के लिए भारत और चीन के बीच कूटनीतिक और सैन्य वार्ता का भी हवाला दिया।
पाकिस्तान आतंकवाद को प्रायोजित करना बंद नहीं कर रहा
पाकिस्तान की तीखी आलोचना करते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि पड़ोसी देश भारत को बदनाम करने की लगातार साजिश कर रहा है। अपनी घरेलू राजनीतिक और आर्थिक विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए पाकिस्तान शत्रुतापूर्ण और मनगढ़ंत प्रचार में संलग्न है। पाकिस्तान अपने विदेशी मुद्रा भंडार की कमी और बढ़ते कर्ज के बावजूद पड़ोसी देश को बदनाम करने में लगा हुआ है। MEA ने कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंधों की इच्छा रखता है और नई दिल्ली की निरंतर स्थिति यह रही है कि आतंकवाद और हिंसा से मुक्त वातावरण में मुद्दों को द्विपक्षीय और शांतिपूर्ण तरीके से हल किया जाना चाहिए। मंत्रालय ने कहा कि इस तरह के अनुकूल माहौल बनाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की है।
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