महाराष्ट्र में करीब 1 महीने से सरकार गठन को लेकर चल रही माथापच्ची अब आखिरी स्टेज पर पहुंच गई है। बताया जा रहा है कि शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बीच सरकार के फॉर्मूले पर बात लगभग तय हो चुकी है।
मुंबई. महाराष्ट्र में करीब 1 महीने से सरकार गठन को लेकर चल रही माथापच्ची अब आखिरी स्टेज पर पहुंच गई है। बताया जा रहा है कि शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बीच सरकार के फॉर्मूले पर बात लगभग तय हो चुकी है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के शिवसेना को समर्थन देने पर राजी होने के बाद ये कहा जा रहा है कि इस हफ्ते के आखिर तक सरकार भी बन सकती है।
इससे पहले शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि शनिवार को तीनों पार्टियों के विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को सौंपा जाएगा। इसके बाद गठबंधन को आखिरी रूप देने के लिए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, कांग्रेस और एनसीपी नेताओं के बीच एक बैठक होगी। इस बैठक में एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी मौजूद रह सकते हैं।
महाराष्ट्र में गठबंधन का क्या है फॉर्मूला
शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन को 'महा विकास अघाड़ी' नाम दिया गया है। तीनों पार्टियों ने उद्धव ठाकरे के पांच साल मुख्यमंत्री रहने पर भी सहमति जताई है। उधर, कांग्रेस और एनसीपी का एक एक उप मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। इसके अलावा सरकार कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत काम करेगी।
कांग्रेस और एनसीपी में मंत्री पद के लिए बातचीत जारी
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कांग्रेस और एनसीपी के बीच कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर बातचीत पूरी हो चुकी है। शिवसेना के सामने इसे शुक्रवार को रखा जाएगा। कांग्रेस और एनसीपी में मंत्री पद के लिए नामों पर भी चर्चा चल रही है।
महाराष्ट्र में सरकार का गठन
संजय राउत ने कहा कि शनिवार को तीनों पार्टियों के विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को सौंपा जाएगा। उधर, एनसीपी और शिवसेना के सूत्रों का कहना है कि रविवार या सोमवार को शपथ ग्रहण भी हो सकता है।
कांग्रेस नेताओं ने सोनिया को किया राजी
इससे पहले गुरुवार सुबह कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक सोनिया गांधी के घर पर हुई। इस दौरान पार्टी के नेताओं ने सोनिया गांधी को शिवसेना को समर्थन देने के लिए राजी किया।
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने बैठक के बाद कहा कि मुंबई में बैठक में महाराष्ट्र पर फैसला लिया जाएगा। साथ ही कांग्रेस ने कहा कि राज्य में स्थिर सरकार के लिए बातचीत जारी है। कांग्रेस ने यह भी संकेत दिया कि गठबंधन में अभी कोई पेंच फंसा है।