आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य के सबसे अनुभवी नेताओं में शुमार कोनिजेती रोसैया(Konijeti Rosaiah) का 4 दिसंबर की सुबह निधन हो गया। 88 वर्षीय रोसैया कांग्रेस पार्टी में एक प्रमुख व्यक्ति थे। वे तमिलनाडु के राज्यपाल के रूप में भी कार्य कर चुके थे।
हैदराबाद. आंध्र प्रदेश ने अपना एक अनुभवी नेता खो दिया। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और सबसे अनुभवी नेताओं में शुमार कोनिजेती रोसैया(Konijeti Rosaiah) का 4 दिसंबर की सुबह निधन हो गया। 88 वर्षीय रोसैया कांग्रेस पार्टी में एक प्रमुख व्यक्ति थे। वे तमिलनाडु के राज्यपाल के रूप में भी कार्य कर चुके थे। वे लंबे समय से बीमार थे। रोसैया का वित्त मंत्री के रूप में लंबा कार्यकाल था और उन्होंने 16 बजट पेश किए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनके निधन पर शोक जताते हुए tweet किया है- रोसैया गारू के निधन से व्यथित हूं। मैं उनके साथ मुलाकात का स्मरण कर सकता हूं, जब हम दोनों मुख्यमंत्रियों के रूप में कार्य कर रहे थे और बाद में जब वह तमिलनाडु के राज्यपाल थे। सार्वजनिक सेवा के प्रति उनका योगदान सदैव स्मरण किया जाएगा। उनके परिवारजनों तथा समर्थकों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। ओम शांति।’
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कोनिजेती रोसैया(Konijeti Rosaiah) के बारे में
कोनिजेती रोसैया या रोसाइयाह का जन्म 4 जुलाई 1933 को हुआ था। वे 3 सितंबर 2009 - 24 नवंबर 2010 तक आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। वे कर्नाटक के 17वें राज्यपाल के तौर पर 28 जून 2014 - 31 अगस्त 2014 तक पदस्थ रहे। रोसैया 31 अगस्त 2011 - 30 अगस्त 2016 तक तमिलनाडु के राज्यपाल भी रहे।
रोसैया कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार थे। वे कांग्रेस से विधायक और सांसद रहे। अपने लंबे राजनीतिक करियर में उन्होंने कई मंत्री पदों को संभाला। तमिलनाडु के राज्यपाल के रूप में अपने 5 साल के कार्यकाल में उन्होंने सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया था।
कोनिजेती का जन्म एक आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में एक तेलुगु परिवार में हुआ था। उन्हेांने गुंटूर हिंदू कॉलेज, आंध्र विश्वविद्यालय से वाणिज्य में ग्रेजुएशन किया था। जब वे गुंटूर में पढ़ रहे थे, तब वे छात्र नेता के तौर पर उभरे थे।
रोसैया का विवाह 4 जून 1950 को शिवलक्ष्मी से हुआ था। उनके 3 बेटे और 1 बेटी हैं। बेटों को नाम केएस सुब्बा राव और केएसएन मूर्ति है, जबकि बेटी पी रमा देवी हैं। रोसैया एक बेहतर वक्ता भी थे।वे वर्ष 1998 में मसाला बोर्ड के सदस्य भी थे।
राजनीति करियर
रोसैया ने स्वतंत्रता कार्यकर्ता एनजी रंगा के राजनीतिक शिष्य के रूप में राजनीति में कदम रखा था। वे 1968, 1974, 1980 और2009 में एमएलसी और चिराला विधानसभा क्षेत्र से 1989 और 2004 में विधायक चुने गए। रोसैया 1998 में पहली बार नरसरावपेट से सांसद चुने गए थे। वर्ष 2011 में वे तमिलनाडु के राज्यपाल बनाए गए। रोसैया ने लगातार 7 बार राज्य का बजट पेश किया। यह देश में एक रिकॉर्ड है।
इन सालों में मंत्री रहे
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