पूर्व IAF चीफ भदौरिया ने कहा- मोदी सरकार में पाक आतंकवाद का जवाब देने की खुली छूट

पूर्व आईएएफ चीफ आरकेएस भदौरिया ने कहा कि मोदी सरकार ने आतंकवाद को खत्म करने के लिए सेना को खुली छूट दे रखी है। पाक आतंकवाद के खात्मे के लिए सरकार सेना को अपनी रणनीति तैयार करने देती है, वह भी बिना किसी दखल के। 

नेशनल डेस्क। भारतीय वायुसेना के पूर्व प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने कहा है कि भाजपा सरकार के आने के बाद से सेना काफी मजबूत हुई है। अब तक सेना के हाथ बंधे थे लेकिन मोदी सरकार के आने के बाद से सेना को यह इजाजत रहती है कि वह अपने स्तर पर कुछ डिसीजन ले सके। एयरफोर्स से रिटायर होने के बाद आरकेएस भदौरिया ने मार्च में भाजपा ज्वाइन कर ली थी। फिलहाल चुनाव प्रचार के दौरान वह भाजपा की प्रशंसा करते नजर आ रहे हैं।  

पाक आतंकवाद के खिलाफ स्टेप उठाना जरूरी था
आरकेएस भदौरिया ने कहा है कि भारत पाक आतंकवाद के खिलाफ वर्षों से मौन बना रहा। इसका फायदा पड़ोसी देशों ने खूब उठाया। भारत की ओर से कितनी भी बड़ी आतंकी घटनाएं हुईं लेकिन पाक के खिलाफ कोई सख्त एक्शन नहीं लिया गया। पिछली सरकारों ने सेना को कभी कोई स्टेप आगे बढ़कर लेने ही नहीं दिया था।

Latest Videos

पढ़ें कांग्रेस को एक और झटका: उद्योगपति नवीन जिंदल ने थामा बीजेपी का दामन, पूर्व आईएएफ चीफ आरकेएस भदौरिया की ज्वाइनिंग के बाद ली सदस्यता

उरी सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयरस्ट्राइक की दी छूट
मोदी सरकार में सेना के हाथ खुले होने का ही परिणाम है कि जवानों ने उरी सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयर स्ट्राइक को अंजाम देने के साथ पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ठिकानों को धवस्त करने के साथ कई आतंकियों को भी मार गिराया। पाकिस्तान इस हमले का कोई जवाब भी नहीं दे सका। उन्होंने ये भी कहा कि इन दोनों ऑपरेशन के बाद भारतीय सेना जंग के लिए भी तैयार थी। यदि जंग होती तो पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब दिया जाता। 

26 अलग-अलग लड़ाकू विमान उड़ाने का अनुभव
भदौरिया को 40 साल का अनुभव रहा है। 26 अलग-अलग प्रकार के लड़ाकू विमानों को उड़ाने का उनका अनुभव भी लाजवाब है। 2019 में उन्हें एयर चीफ मार्शल बनाया गया था। 2021 में वह रिटायर हुए थे। 2024 में भदौरिया ने भाजपा ज्वाइन कर ली थी।

Share this article
click me!

Latest Videos

'ये सरकार ने जान बूझकर...' संभल में बवाल पर अखिलेश का सबसे बड़ा दावा, कर देगा हैरान
पीएम मोदी ने संसद के शीतकालीन सत्र से पहले मीडिया को संबोधित किया
राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ और मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच हुई तीखी बहस
संभल मस्जिद विवाद: हिंसा के बाद इंटरनेट सेवा पर रोक, स्कूल-कॉलेज बंद
Kharmas 2024: दिसंबर में कब से लग रहे हैं खरमास ? बंद हो जाएंगे मांगलिक कार्य