संजीव भट्ट को पालनपुर के द्वितीय अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने सजा सुनाई। सजा सुनाए जाने के बाद पूर्व आईपीएस को पालनपुर उप जेल ले जाया गया।
Palanpur NDPS Case IPS Sanjiv Bhatt convicted: गुजरात के चर्चित आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को पालनपुर के 1996 एनडीपीएस केस में गुरुवार को सजा सुनाया गया है। पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट को 20 साल का कठोर कारावास और दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। संजीव भट्ट को पालनपुर के द्वितीय अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने सजा सुनाई। सजा सुनाए जाने के बाद पूर्व आईपीएस को पालनपुर उप जेल ले जाया गया।
Ex IPS अधिकारी संजीव भट्ट को बुधवार को ही दोषी करार दिया गया था लेकिन गुरुवार को उनकी सजा सुनाई गई। सजा सुनाए जाने के दौरान संजीव भट्टी की पत्नी श्वेता भट्ट भी मौजूद रहीं।
संजीव भट्ट को पालनपुर सेशन कोर्ट ने गुरुवार को उम्रकैद की सजा सुनाई। यह सजा 1996 में ड्रग्स जब्ती मामले में उनके खिलाफ सुनाई गई है। पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट पर आरोप है कि वह अफीम रखकर राजस्थान के एक वकील के खिलाफ सबूत तैयार किए थे। यह मामला उनके बनासकांठा जिले में बतौर एसपी तैनाती के दौरान का है। आईपीएस संजीव भट्ट ने राजस्थान के वकील सुमेर सिंह राजपुरोहित के खिलाफ सबूत तैयार करते हुए पालनपुर के एक होटल में ड्रग्स जब्त कर अरेस्ट किया था। आरोप है कि वकील को पुलिस ने पाली में एक विवादित दुकान को ट्रांसफर करने के लिए मजबूर करने खातिर उनको फंसाया था। इस मामला के खुलासा के बाद संजीव भट्ट पर कार्रवाई हुई और उनको मुख्य आरोपी बनाया गया।
करीब 28 साल बाद वकील को मिला न्याय
वकील सुमेर सिंह राजपुरोहित के केस में करीब 28 साल बाद पालनपुर सेशन कोर्ट ने फैसला सुनाया है। सुमेर सिंह पाली में वकालत करते हैं। दरअसल, एडवोकेट सुमेरसिंह राजपुरोहित के भाई नरसिंह ने अमरीबाई नाम की एक महिला से दुकान किराया पर ली थी। लिखा-पढ़ी के बाद भी वह इस दुकान को जबरिया खाली कराना चाह रही थी। इसमें आईपीएस संजीव भट्ट पर आरोप लगे कि वह दुकान खाली कराने के लिए महिला के पक्ष से वकील को फंसाने की कोशिश किए। बताया जा रहा है कि संजीव भट्ट ने अमारीबाई की मदद गुजरात के एक जज के कहने पर की थी।
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