मूल रूप से केरल के रहने वाले और जालंधर के पूर्व बिशप फ्रैंको मुलक्कल (Former Bishop Franco Mulakkal) ने इस्तीफा दे दिया है। हालांकि वे अमीरात के बिशप की उपाधि को स्वीकार करेंगे।
Bishop Franco Mulakkal Resigns. जालंधर के पूर्व बिशप फ्रैंको मुलक्कल ने इस्तीफा दे दिया है। नन के साथ रेप के आरोपों से घिरे फ्रैंको मुलक्कल ने वेटिकन के कहने पर इस्तीफा दे दिया है। लेकिन वे अमीरात के बिशप के तौर पर जाने जाएंगे। वेटिकन ने फ्रैंको मुलक्कल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।
2018 में बिशप फ्रैंको मुलक्कल दोषी करार दिए गए
जालंधर के पूर्व बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर नन के साथ रेप करने का आरोप लगा था। उन्हें 21 सितंबर 2018 को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। बाद में कोट्टयम जिले के एडिशनल सेशन कोर्ट ने उन्हें यौन उत्पीड़न के मामले में दोषी करार दिया था। तब उन्हें जालंधर से हटा दिया गया था।
किसने लगाए थे फ्रैंको मुलक्कल पर आरोप
मिशनरीज ऑफ जीसस कांग्रेगेशन से जुड़ी एक 43 वर्षीय नन ने जून 2018 में फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। नन ने आरोप लगाया था कि 2014 से 2016 के बीच उनके केरल विजिट के दौरान बिशप फ्रैंको मुलक्कल ने उनका यौन उत्पीड़न किया था। इस मामले में बाद में काफी विरोध प्रदर्शन भी किया गया और पुलिस ने बिशप फ्रैंको को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद कोर्ट ने भी उन्हें दोषी करार दिया था।
पूर्व बिशप फ्रैंको के खिलाफ 2000 पन्नों की चार्जशीट
केरल पुलिस ने 4 अप्रैल 2019 के नन रेप मामले में फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ 2000 पन्नों की चार्जशीट दायर की थी। इसमें उनके खिलाफ धारा 342, 376 सी, 377 और 506 (1) के तहत आरोप लगाए गए थे। नवंबर 2019 में जब इस मामले में बहस शुरू हुई तो कोर्ट ने कुल 83 गवाहों में से 39 से पूछताछ की थी। अदालत ने यह माना था कि अभियुक्त फ्रैंको पीड़िता पर अधिकार रखता था। उसके पार पावर है जिससे वह पीड़िता को प्रभावित कर सकता है। ऐसी स्थिति में विरोध करने में असमर्थता और रिपोर्टिंग में देरी स्वाभाविक बात है।
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