मनमोहन स्मारक विवाद: कांग्रेस पर अब प्रणव दा की बेटी शर्मिष्ठा ने दागे सवाल

Published : Dec 28, 2024, 04:40 PM IST
Pranab Mukherjees daughter Sharmistha slams Congress over  Manmohan Singh memorial bsm

सार

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक के मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीतिक विवाद छिड़ गया है। पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और पीवी नरसिम्हा राव के स्मारकों के अभाव को लेकर कांग्रेस की आलोचना हो रही है।

Congress Vs BJP over memorial row: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। कांग्रेस ने उनका मेमोरियल बनाने की मांग करते हुए उसके लिए जगह नहीं देने पर पूर्व पीएम का अपमान बताते हुए मोदी सरकार पर हमला बोला है। हालांकि, आरोप-प्रत्यारोप की इस राजनीति में अब पूर्व के दिग्गज कांग्रेसी नेताओं को लेकर कांग्रेस भी घिरती दिख रही है। कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व राष्ट्रपति प्रणव दा की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने आरोप लगाया कि उनके बाबा यानी प्रणव मुखर्जी का जब 2020 में निधन हुआ था तो कांग्रेस ने ना ही सीडब्ल्यूसी की मीटिंग बुलाई ना ही मेमोरियल की मांग की थी। इसी तरह पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हाराव का भी मेमोरियल दिल्ली में बनाने के लिए कोई उपाय नहीं किया गया।

 

 

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के लिए अलग स्मारक बनाने के प्रस्ताव की आलोचना की है। शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर अपनी बात रखी है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया कि जब अगस्त 2020 में उनके पिता और पूर्व भारतीय राष्ट्रपति का निधन हुआ था तो कांग्रेस नेतृत्व ने सीडब्ल्यूसी द्वारा शोक सभा बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई। इस मुद्दे पर उन्हें गुमराह किया गया। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने उनसे कहा कि यह भारतीय राष्ट्रपतियों के लिए नहीं है।

मुखर्जी ने कांग्रेस नेता के इस तर्क को पूरी तरह बकवास करार देते हुए यह भी दावा किया कि उन्हें अपने पिता की डायरियों से पता चला है कि एक अन्य पूर्व भारतीय राष्ट्रपति के.आर. नारायणन के निधन पर सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई गई थी। उस वक्त शोक संदेश का मसौदा किसी और ने नहीं बल्कि प्रणब मुखर्जी ने तैयार किया था।

प्रणव दा की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने बीजेपी नेता सीआर केसवन की एक पोस्ट का हवाला दिया जिसमें उन्होंने बताया था कि किस तरह कांग्रेस ने पार्टी के अन्य राजनेताओं को सिर्फ इसलिए नजरअंदाज कर दिया क्योंकि वे गांधी परिवार के सदस्य नहीं थे।

संजय बारू की किताब में भी इस मुद्दे पर बहस

फाइनेंशियल एक्सप्रेस के पूर्व प्रधान संपादक डॉ.संजय बारू 2004 से 2009 तक डॉ. मनमोनह सिंह के मीडिया सलाहकार रहे। संजय बारू द्वारा लिखी गई पुस्तक 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' के एक अध्याय का संदर्भ दिया गया था जिसमें बताया गया था कि किस तरह कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय पीवी नरसिम्हा राव के लिए दिल्ली में कभी स्मारक नहीं बनवाया जिनका 2004 में निधन हो गया था। किताब में यह भी उल्लेख है कि 2004 से 2014 तक सत्ता में रहने के बावजूद कांग्रेस ने कभी नरसिंम्हा राव के लिए स्मारक नहीं बनवाया। डॉ. बारू की किताब में यह भी दावा किया था कि कांग्रेस उनका अंतिम संस्कार नई दिल्ली में नहीं बल्कि उनके पैतृक स्थान हैदराबाद में करना चाहती थी।

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