सार

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। दिल्ली के निगमबोध घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। केंद्र सरकार ने 1 जनवरी तक राष्ट्रीय शोक घोषित किया है।

नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पंच तत्व में विलीन हो गए हैं। शनिवार को दिल्ली के निगमबोध घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई राजनेताओं ने उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी। अंतिम संस्कार में भूटान के राजा जिग्मे वांगचुक और मॉरीशस के विदेश मंत्री जैसे विदेशी गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे।

गुरुवार सुबह मनमोहन सिंह की अंतिम यात्रा कांग्रेस मुख्यालय से शुरू हुई। यहां राहुल गांधी, सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रियंका गांधी समेत अन्य कांग्रेसी नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर को फूलों से सजे वाहन में ले जाया गया। इस दौरान समर्थकों ने "मनमोहन सिंह अमर रहें" के नारे लगाए।

सैकड़ों कांग्रेसी कार्यकर्ता, नेता और समर्थक अंतिम यात्रा में शामिल हुए राहुल गांधी रास्ते में मनमोहन सिंह के परिवार के साथ थे। वह पार्थिव शरीर ले जा रहे ट्रक पर खड़े थे। बाद में अर्थी को कंधा दिया। अंतिम यात्रा को लेकर राजा राम कोहली मार्ग, राजघाट रेड लाइट, सिग्नेचर ब्रिज और युधिष्ठिर सेतु पर यातायात में बदलाव किया गया।

1 जनवरी तक राष्ट्रीय शोक घोषित

मनमोहन सिंह के निधन के बाद केंद्र सरकार ने 1 जनवरी तक सात दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। इस दौरान पूरे देश में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। सभी भारतीय मिशनों और उच्चायोगों में भी राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। शनिवार को सभी केंद्रीय सरकारी कार्यालयों और सरकारी कंपनियों में आधे दिन की छुट्टी दी गई। हरियाणा, पंजाब, मणिपुर, राजस्थान, बिहार और असम समेत कई राज्यों ने आधिकारिक शोक घोषित किया है।

92 साल की उम्र में हुआ मनमोहन सिंह का निधन

मनमोहन सिंह का निधन 92 साल की उम्र में गुरुवार रात हो गया था। पिछले कुछ महीनों से उनका स्वास्थ्य खराब चल रहा था। वह 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे।

मनमोहन सिंह का जन्म 1932 में हुआ था। उन्होंने ब्रिटेन के कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की थी। उन्होंने 1957 में अर्थशास्त्र में फर्स्ट क्लास ऑनर्स की डिग्री हासिल की थी। ​​उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के नफिल्ड कॉलेज से भी अर्थशास्त्र में डिग्री हासिल की थी।

1991 में राज्यसभा सांसद बने थे मनमोहन सिंह

मनमोहन सिंह 1991 में राज्यसभा के सदस्य बने थे। 1998 से 2004 के बीच विपक्ष के नेता रहे। उन्हें 1987 में भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और मलेशिया के पीएम अनवर इब्राहिम सहित कई विश्व नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने किया मनमोहन सिंह को याद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया था। बाद में उन्होंने वीडियो मैसेज में मनमोहन सिंह की यात्रा को याद किया। कहा कि उनका जीवन हमेशा आने वाली पीढ़ियों के लिए सबक के रूप में काम करेगा। बताएगा कि कैसे कोई व्यक्ति अभावों से ऊपर उठकर सफलता की ऊंचाइयों को प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर सकता है।

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