सौभाग्य योजना के चार साल पूरे: मार्च तक 2.82 करोड़ घरों में पहुंची बिजली, 18 महीने के रिकॉर्ड कनेक्शन

सौभाग्य दुनिया के सबसे बड़े घरेलू विद्युतीकरण अभियानों में से एक है। इस योजना की घोषणा 25 सितंबर 2017 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की थी।

नई दिल्ली. सौभाग्य योजना के चार साल पूरे हो गए हैं। योजना शुरू होने के बाद से 2.82 करोड़ घरों का विद्युतीकरण किया गया है। ये आंकड़े 31 मार्च, 2021 तक के हैं। मार्च 2019 तक देश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में 2.63 करोड़ इच्छुक अविद्युतीकृत घरों को 18 महीने के रिकॉर्ड समय में बिजली का कनेक्शन प्रदान किया गया। इसके बाद सात राज्यों- असम, छत्तीसगढ़, झारखंड, कर्नाटक, मणिपुर, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से प्राप्त हुई सूचना के अनुसार 31 मार्च 2019 से पहले लगभग 18.85 लाख अविद्युतीकृत घरों की पहचान की गई, जो पहले बिजली कनेक्शन लेने में अनिच्छुक थे, लेकिन बाद में उन्होंने इसे प्राप्त करने की इच्छा व्यक्त की और फिर वे भी इस योजना के अंतर्गत शामिल हुए हैं।

इसे भी पढ़ें- UN में PM MODI का भाषण: कहा- आतंकवाद विश्व के लिए खतरा, आतंक के लिए न हो अफगानिस्तान का इस्तेमाल

Latest Videos


सौभाग्य दुनिया के सबसे बड़े घरेलू विद्युतीकरण अभियानों में से एक है। इस योजना की घोषणा 25 सितंबर 2017 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की थी। इस योजना का उद्देश्य देश में अंतिम छोर तक पहुंचकर संचार के माध्यम से सार्वभौमिक घरेलू विद्युतीकरण प्राप्त करना और ग्रामीण क्षेत्रों में अविद्युतीकृत घरों व शहरी क्षेत्रों में बिना बिजली के गरीब लोगों तक विद्युत ऊर्जा की पहुंच उपलब्ध कराना था। सौभाग्य की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने नए युग के भारत में सभी को बिजली तक पहुंच प्रदान करने और समानता, दक्षता तथा स्थिरता की दिशा में काम करने का संकल्प लिया था।

परियोजना का कुल वित्तीय अनुमान 16,320 करोड़ रुपये था जबकि सकल बजटीय सहायता (जीबीएस) 12,320 करोड़ रुपये थी। ग्रामीण परिवारों के लिए परिव्यय 14,025 करोड़ रुपये जबकि जीबीएस 10,587.50 करोड़ रुपये था। वहीं शहरी परिवारों के लिए परिव्यय 2,295 करोड़ रुपये और जीबीएस 1,732.50 करोड़ रुपये था। भारत सरकार ने बड़े पैमाने पर सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को इस योजना के लिए धन उपलब्ध कराया है।

इसे भी पढ़ें- PM MODI ने चाणक्य और रवीद्रनाथ टैगार का किया जिक्र, जानें UN को दिए कौन से सुझाव

सभी को बिजली उपलब्ध कराने की शुरुआत दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) से हुई थी, जिसके तहत गांवों में बुनियादी बिजली के आधारभूत ढांचे के निर्माण की परिकल्पना की गई। इस योजना का मुख्य केंद्र बिंदु ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता और विश्वसनीयता में सुधार के लिए मौजूदा बुनियादी ढांचे तथा वर्तमान फीडरों / वितरण ट्रांसफार्मर की मीटरिंग को मजबूत करने एवं बढ़ाने पर था।

प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना
सौभाग्य ने देश में सार्वभौमिक घरेलू विद्युतीकरण प्राप्त करने के लिए ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में और अंतिम छोर तक शेष बचे सभी बिना बिजली वाले घरों में कनेक्टिविटी और बिजली कनेक्शन द्वारा सभी तक ऊर्जा की पहुंच प्रदान करने की कल्पना की गई। इसके अंतर्गत घरों में बिजली के कनेक्शन के लिए निकटतम खम्बे से घरेलू परिसर तक सर्विस केबल खींचकर बिजली कनेक्शन प्रदान करना, विद्युत मीटर की स्थापना, एलईडी बल्ब के साथ सिंगल लाइट पॉइंट हेतु वायरिंग और एक मोबाइल चार्जिंग पॉइंट देना मुख्य उद्देश्य थे। 

Share this article
click me!

Latest Videos

Maharashtra Election 2024: 'कटेंगे-बटेंगे' के खिलाफ बीजेपी में ही उठने लगे सवाल। Pankaja Munde
अब नहीं चलेगा मनमाना बुलडोजर, SC के ये 9 रूल फॉलो करना जरूरी । Supreme Court on Bulldozer Justice
Dehradun Car Accident: 13 दिन ली गई कार बनी 6 दोस्तों के लिए 'काल', सामने आया सबसे बड़ा सवाल
CM योगी आदित्यनाथ ने गिना दिया बंटने से अब तक क्या-क्या हुआ नुकसान #Shorts
'जब तक कलेक्टरनी की मेंहदी न उतार दूं...' नरेश मीणा का एक और वीडियो हुआ वायरल