From The India Gate: इधर राइट टू हेल्थ बना राइट टू हाइड, उधर हो गई 'सर्जिकल स्ट्राइक'

सियासी गलियारों में परदे के पीछे बहुत कुछ घटता है- ओपिनियन, साजिश, सत्ता का खेल और राजनीतिक क्षेत्र में आंतरिक तकरार। पेश है 'फ्रॉम द इंडिया गेट' का 21वां एपिसोड, जो आपके लिए लाया है पॉलिटिक्स की दुनिया के कुछ ऐसे ही चटपटे और मजेदार किस्से।

From The India Gate: सियासी गलियारों में परदे के पीछे बहुत कुछ होता है- ओपिनियन, साजिश, सत्ता का खेल और राजनीतिक क्षेत्र में आंतरिक तकरार। एशियानेट न्यूज का व्यापक नेटवर्क जमीनी स्तर पर देश भर में राजनीति और नौकरशाही की नब्ज टटोलता है। अंदरखाने कई बार ऐसी चीजें निकलकर आती हैं, जो वाकई बेहद रोचक और मजेदार होती हैं। पेश है 'फ्रॉम द इंडिया गेट' (From The India Gate) का 21वां एपिसोड, जो आपके लिए लाया है, सत्ता के गलियारों से कुछ ऐसे ही मजेदार और रोचक किस्से।

राइट टू हेल्थ बना Right to Hide..

Latest Videos

क्वारंटाइन, ये वो शब्द है जो कोविड के दौरान बेहद डरावना लगने लगा था। हालांकि, कई नेता ऐसे हैं जिन्हें कोविड पॉजिटिव होने के बाद क्वारंटाइन किया गया। लेकिन, फिर भी बहुत से लोग ये मानने को तैयार नहीं हैं कि राजस्थान के मुख्यमंत्री के आइसोलेशन वार्ड में जाने की वजह कोरोना ही है। राजस्थान में सरकार द्वारा 'राइट टू हेल्थ' बिल (स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक) पेश करने के फैसले के बाद बड़े पैमाने पर उथल-पुथल देखी गई। शुरुआत में विरोध पर ध्यान नहीं दिया गया। लेकिन जब हड़ताली डॉक्टर सड़कों पर उतरे तो मुख्यमंत्री उनसे बातचीत के लिए राजी हो गए। सरकार ने 8 शर्तें मानीं और डॉक्टरों ने हड़ताल वापस ले ली। लेकिन इसके फौरन बाद मुख्यमंत्री को 15 दिनों के लिए क्वारंटीन रहने की `सलाह' दी गई और उसके बाद उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया। इस परिस्थिति ने डॉक्टरों को चौराहे पर लाकर खड़ा कर दिया है, क्योंकि स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक में अभी तक संशोधन नहीं किया गया है। साथ ही उन 8 संशोधनों का भी जिक्र नहीं है, जो सीएम के साथ बातचीत के बाद तैयार किए गए थे।

सर्जिकल स्ट्राइक..

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी के बीजेपी में शिफ्ट होने की खबर ने न सिर्फ कांग्रेस बल्कि सभी को चौंका दिया है। अनिल एंटनी का इस बात को खुलकर स्वीकार करना कि देश के भविष्य और विकास को केवल भाजपा ही सही तरीके से लिख सकती है, निश्चित रूप से ज्यादा से ज्यादा युवाओं को भगवा की ओर आकर्षित करेगा। इसके साथ ही, अनिल एंटनी के इस कदम को एक ऐसे उत्प्रेरक के तौर पर देखा जा रहा है, जो कहीं न कहीं चर्च के साथ बीजेपी की पॉलिटिकल केमेस्ट्री को बढ़ाएगा। हालांकि, एंटनी के इस कदम से कांग्रेस से कहीं ज्यादा झटका वामपंथियों को लगा है। वामपंथी कैसे इस घटनाक्रम के राजनीतिक महत्व को कम करने के लिए सोशल मीडिया पर उठापटक करते हैं, उनके हालिया कमेंट से समझा जा सकता है। हाल ही में वामपंथियों की ओर से किए गए एक कमेंट में लिखा गया- अनिल के पिता एके एंटनी, जो एक बेदाग ट्रैक रिकॉर्ड वाले नेता हैं। उन्हें केंद्र सरकार द्वारा जानबूझकर अपने चंगुल में फंसाने की कोशिश की जा रही है। बीजेपी द्वारा एके एंटनी को रक्षा मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान हथियारों के सौदों की जांच करने की धमकी दी गई। इसका नतीजा ये हुआ कि बेटे अनिल एंटनी डर के चलते बीजेपी में शामिल हो गए। वैसे, इस 'दावे' पर साउथ ब्लॉक में सभी की राय निश्चित तौर पर अलग होगी। एंटनी का कार्यकाल महत्वपूर्ण संपत्ति हासिल करने के लिए धीमी गति से की गई कार्रवाई के लिए जाना जाता था। कम से कम उस दौर में देश की सेवा करने वाले सैन्यकर्मी तो इस बात की पुष्टि जरूर करेंगे कि एंटनी ने अपनी संत की उपाधि को दाग मुक्त रखने के लिए महत्वपूर्ण फैसले लेने से परहेज किया।

हजम नहीं हुई पोस्टर वाली पॉलिटिक्स..

राजस्थान में भाजपा की एक नेता का पोस्टर वायरल हो रहा है। महिला नेता की इमेज पहले ही दबंग है, लेकिन अब जो पोस्टर आया है उसमें उनका रुतबा कई गुना बढ़ता दिख रहा है। दरअसल, महिला नेता को सीएम बनाने का एक पोस्टर सड़कों पर दिख रहा है। पोस्टर में केंद्र और राजस्थान के 10 बड़े नेताओं के फोटो हैं। इन सबसे आगे महिला नेता की फोटो है। लिखा है- ''सीएम के लिए रास्ता बना रही है बड़े नेताओं की जोड़ी''। यह पोस्टर 2 दिन से चर्चा में है, हालांकि अभी तक किसी भाजपा नेता ने इसका खंडन नहीं किया है। पोस्टर में संवैधानिक पद पर बैठे एक शख्स की भी तस्वीर छपी है। इस तस्वीर ने विपक्षी पार्टियों को एक मुद्दा दे दिया है। कांग्रेस ने वायरल पोस्टर पर भाजपा से जवाब मांगा है कि संवैधानिक पद पर बैठे किसी शख्स की तस्वीर आप कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं?

From The India Gate: इधर रात होते ही तितर-बितर हुई पैसे देकर लाई भीड़, उधर नेताजी की भद्द पिटी

लिटमस टेस्ट..

'पत्ती' का मुरझाना पार्टी के साथ-साथ कोंगु बेल्ट से इसके एकमात्र नेता के लिए चिंता का सबब बना हुआ है। भले ही वे नेता चुन लिए गए हैं, लेकिन राजनीतिक संभावनाओं को अवसरों में बदलने वाला उनका जादू कार्यकर्ताओं ने अब तक नहीं देखा है। बता दें कि, पार्टी अपने ताकतवर नेता की मौत के बाद न सिर्फ दिशाहीन होकर चल रही है, बल्कि एक के बाद एक झटके भी झेल रही है। कार्यकर्ताओं को अब 2024 में पुनरुद्धार की उम्मीद है। हाल के किसी भी चुनाव में पार्टी का कोई खास प्रभाव देखने को नहीं मिला है। कोंगु नेता हमेशा खुद को बचाने के लिए बहानों की लिस्ट तैयार रखते हैं। लेकिन अब जबकि उन पर जिम्मेदारी है और उन्हें अकेले ही फैसला लेना है तो पार्टी को सत्ता में लाने का दायित्व उनका बन गया है।

चुनावी मृगमारीचिका..

हावेरी के गांवों की कहानी कोई अलग नहीं है। अन्य मुफस्सिल जगहों की तरह ही हावेरी भी एक ऐसी जगह बन गया है, जहां के युवा अपने घर के चूल्हे जलाने के लिए बड़े शहरों की ओर पलायन करने को मजबूर हैं। हालांकि, चुनाव के मौसम में हावेरी की अनाथ जनता के सामने एक और बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। दरअसल, लोगों के दरवाजों पर 'कई' बेटे कतार में खड़े अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। ये सभी आने वाले चुनाव में अपनी जीत के लिए न सिर्फ बड़ों का आशीर्वाद पाना चाहते हैं, बल्कि हावेरी के गांवों को गोद लेने की अर्जियां भी उनके दरवाजे पर छोड़ रहे हैं। दिलचस्प बात ये है कि जितने भी लोग इस आरक्षित सीट से चुनाव जीतने की उम्मीद लगाए बैठे हैं, उनमें से ज्यादातर हावेरी के हैं ही नहीं। लेकिन, अब ऐसा लगता है कि इस गांव की अक्लमंद पीढ़ी ने लगातार होने वाली इन दस्तकों को पहचान कर इन्हें अनसुना करना शुरू कर दिया है। शायद वो जानते हैं कि ये महज एक मौसमी घटना के अलावा कुछ नहीं है।

ये भी देखें : 

From The India Gate: कहीं समर्थन जुटाने के लिए मंच का इस्तेमाल, तो कहीं नेताजी की सादगी ने जीता दिल

 

Share this article
click me!

Latest Videos

दिल्ली चुनाव से पहले केजरीवाल को कोर्ट से लगा झटका, कर दिया इनकार । Arvind Kejriwal । Delhi HC
Maharashtra Jharkhand Exit Poll से क्यों बढ़ेगी नीतीश और मोदी के हनुमान की बेचैनी, नहीं डोलेगा मन!
महज चंद घंटे में Gautam Adani की संपत्ति से 1 लाख Cr रुपए हुए स्वाहा, लगा एक और झटका
UP bypoll Election 2024: 3 सीटें जहां BJP के अपनों ने बढ़ाई टेंशन, होने जा रहा बड़ा नुकसान!
'मणिपुर को तबाह करने में मोदी साझेदार' कांग्रेस ने पूछा क्यों फूल रहे पीएम और अमित शाह के हाथ-पांव?