अंतिम संस्कार में भी ठगी! जानें क्या है साइबर क्राइम का यह नया रूप

अपनों को खोने के गम में साइबर ठग नए तरीके से लोगों को निशाना बना रहे हैं। अंतिम संस्कार की एजेंसियों के नाम पर लिंक भेजकर, ओटीपी मांगकर बैंक खातों को खाली किया जा रहा है। सावधान रहें, किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें और ओटीपी शेयर न करें।

नई दिल्ली.साइबर क्राइम का भूत अब किस रूप में सामने आएगा, यह कहना मुश्किल है। ठगी का शिकार होने के बाद ही पता चलता है कि यह एक साइबर क्राइम था। इसलिए बहुत सातर्क रहने की ज़रूरत है। हर घंटे लाखों साइबर क्राइम के मामले सामने आ रहे हैं, शिकायतें दर्ज हो रही हैं। हर दिन नए-नए तरीकों से ठग लोग ठगी कर रहे हैं। भोले-भाले लोग, सावधानी बरतने वाले भी इसके शिकार हो रहे हैं। हाल ही में आपने शादी के कार्ड से जुड़ा साइबर क्राइम सुना होगा, अब अंतिम संस्कार साइबर क्राइम का पता चला है। अपनों को खोने के गम में आप निशाना बनते हैं। एक छोटी सी गलती अपनों को खोने के गम के बाद और भी बड़े झटके दे सकती है।

यह भावनाओं, गम और दुःख को निशाना बनाकर ठगों द्वारा किया जाने वाला एक नया साइबर क्राइम है। ज़्यादातर शहरों और कस्बों में ही यह साइबर क्राइम होता है। शहरों में रहने वालों के पास समय की कमी होती है। सब कुछ संभालने के लिए, अपनों और रिश्तेदारों की मदद नहीं मिल पाती। इसलिए मजबूरन कुछ ज़िम्मेदारियाँ एजेंसियों या इसी काम को व्यवसाय बनाने वालों को सौंप देते हैं। इनमें से अंतिम संस्कार कराने के लिए शहरों में निजी एजेंसियाँ हैं। ये एजेंसियाँ आपकी परंपरा के अनुसार अंतिम संस्कार करती हैं। अंतिम संस्कार की रस्में, पूजा-पाठ, सब कुछ अच्छी तरह से करती हैं। यहाँ साइबर क्राइम कैसे होता है?

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क्या है अंतिम संस्कार साइबर क्राइम?
इस तरह अंतिम संस्कार कराने वाली कई एजेंसियों के विज्ञापन, नंबर आसानी से मिल जाते हैं। ऐसे में अगर आप अपनों को खोने के गम में एजेंसी को फोन करके अंतिम संस्कार कराने के लिए कहते हैं, तो वे तुरंत आपकी जानकारी लेकर एक लिंक भेजते हैं। इस लिंक में आपको अपना नाम, पता, मृतक का नाम, धर्म, गोत्र, अंतिम संस्कार की परंपरा के बारे में जानकारी देनी होती है। फिर 5,000 रुपये या एडवांस रकम का भुगतान करना होता है। तुरंत आपको एक मैसेज आएगा। अंतिम संस्कार कराने वाले पुजारी का नाम, मुहूर्त समेत सभी चीज़ों की पुष्टि वाला मैसेज आएगा। इसी दौरान एक ओटीपी भी आएगा। इस ओटीपी को एजेंसी वाले मांगते हैं। इसके लिए कई कारण बताते हैं।

अगर आप सब कुछ ठीक से हो जाए, इस गम में ओटीपी शेयर कर देते हैं, तो कहानी खत्म। आपके खाते का सारा पैसा गायब हो जाएगा। यहाँ एक और सावधानी बरतनी होगी। आपसे ओटीपी मांगे बिना भी ठगी हो सकती है। ठगों द्वारा भेजा गया लिंक क्लिक करते ही मालवेयर वायरस आपके फोन में आ जाएगा। इससे आपके फोन की निजी जानकारी लीक करके फिर बैंक खाते से पैसे चुरा लेंगे। 

 

 

अंतिम संस्कार को निशाना बनाकर कई साइबर क्राइम दर्ज हुए हैं। इसके बारे में चेतावनी देने वाले वीडियो वायरल हो रहे हैं। हर लेन-देन से पहले सोचें, समझें, धैर्य रखें। किसी भी अनजान व्यक्ति द्वारा भेजे गए किसी भी लिंक पर क्लिक न करें। ओटीपी कभी किसी के साथ शेयर न करें।  

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