यूक्रेन संघर्ष की वजह से G20 विदेश मंत्रियों की मीटिंग का ज्वाइंट स्टेटमेंट नहीं होगा रिलीज...

भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने कहा कि इस समय दुनिया को एकमत होकर काम करने की जरूरत है। दुनिया की चुनौतियों को मिलकर ही संभाला जा सकता है। ऐसे में G20 देशों पर असाधारण जिम्मेदारी है।

Dheerendra Gopal | Published : Mar 2, 2023 12:01 PM IST / Updated: Mar 02 2023, 06:31 PM IST

G20 Foreign Ministers meeting: भारत की अध्यक्षता में चल रहे जी20 विदेश मंत्रियों की मीटिंग में कोई भी ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी नहीं होगा। दरअसल, यूक्रेन संघर्ष के बाद दुनिया के देश बंटे हुए हैं। सबकी राय अलग-अलग होने की वजह से जी20 विदेश मंत्रियों की मीटिंग का ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी नहीं होगा। भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने जानकारी दी है।

विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने कहा कि जी20 देशों के विदेश मंत्रियों की मीटिंग में यूक्रेन संघर्ष की वजह से सभी एकमत नहीं हैं। वहां तमाम मुद्दों पर बातचीत हुई। यूक्रेन संघर्ष को लेकर सभी चिंतित थे। लेकिन सबके बीच इसको लेकर मतभेद थे। कोई एकमत नहीं है। इसलिए यहां संयुक्त बयान जारी करने की जगह पर रिजल्ट डॉक्यूमेंट्स जारी किया जा रहा है। दरअसल, यूक्रेन युद्ध को लेकर चीन और रूस की ओर से आपत्तियां थी।

विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा कि ग्लोबल साउथ की चिंताओं को लेकर सभी एकमत थे। मीटिंग में बड़ी संख्या में ऐसे मुद्दे थे जिसको लेकर सभी एकसाथ खड़े नजर आए। खाद्य और उर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, जेंडर इश्यूस, एंटी टेररिस्ट एक्टिविटीज को बढ़ाना आदि प्रमुख मुद्दे थे, जिन पर सभी देशों ने एक सहमति जताई है। लेकिन यूक्रेन संघर्ष को लेकर सभी एकमत नहीं थे, जिसकी वजह से संयुक्त बयान जारी करना संभव नहीं है।

जी20 वित्त मंत्रियों की मीटिंग में भी ज्वाइंट स्टेटमेंट नहीं

पिछले हफ्ते बेंगलुरु में जी 20 के वित्त मंत्रियों की मीटिंग में भी यूक्रेन युद्ध को लेकर विरोधाभास रहा। चीन और रूस ने यूक्रेन संघर्ष को लेकर अपनी राय सबसे अगले रखी। सभी देशों के एकमत बयान नहीं आने से ज्वाइंट स्टेटमेंट यहां भी नहीं जारी किया गया।

पीएम मोदी ने किया उद्घाटन सत्र को संबोधित…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को जी20 विदेश मंत्रियों की मीटिंग के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया। राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक भवन केंद्र में हो रही इस मीटिंग में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि तमाम विकासशील देश इस समय खाद्यान्न संकट से गुजर रहे हैं। वह एनर्जी सिक्योरिटी के लिए कर्ज लेने को मजबूर होकर उनको चुकाने में विफल हो चुके हैं। कर्ज की वजह से उनकी अर्थव्यवस्था संभल नहीं पा रही है। इस खबर को पूरा पढ़िए…

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