G20 Delhi Declaration: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने क्यों कहा-'बाली, बाली था, दिल्ली, दिल्ली है'

Published : Sep 11, 2023, 11:47 AM ISTUpdated : Sep 11, 2023, 01:27 PM IST
S jaishankar pm narendra modi

सार

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बाली घोषणापत्र की तुलना दिल्ली घोषणापत्र से करने पर अपना स्टैंड क्लियर किया है। उन्होंने कहा कि दोनों की तुलना नहीं की जा सकती है। 

G20 Delhi Declaration. भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उन रिपोर्ट्स का खंडन किया है, जिसमें जी20 बाली घोषणापत्र की तुलना जी20 दिल्ली घोषणापत्र से की गई है। उन्होंने दो टूक कहा कि बाली, बाली था और दिल्ली, दिल्ली है। उन्होंने कहा कि जिस परिस्थितियों में बाली घोषणात्र को स्वीकार किया गया, उससे दिल्ली घोषणापत्र के दौरान की परिस्थियां बिल्कुल भिन्न हैं। उन्होंने कहा कि 1 साल पहले बाली घोषणापत्र जारी किया गया है, तब से लेकर अब तक बहुत कुछ बदल चुका है। उन्होंने जी20 के संयुक्त घोषणापत्र पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान यह बातें कहीं।

दिल्ली घोषणापत्र पर क्या बोले जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि जियो-पॉलिटिकल सेगमेंट के तहत कुल 8 पैराग्राफ दिए गए हैं, जिसमें 7 यूक्रेन मसले पर केंद्रित हैं। हमने यूक्रेन हालात पर फोकस किया है और जो समस्याएं हैं, उन्हें हाईलाइट किया गया है। ऐसे में कोई भी दोनों घोषणापत्र की तुलना नहीं कर सकता है। दिल्ली घोषणापत्र वर्तमान की स्थितियों और उससे जुड़ी बातों पर केंद्रिय है जबिक बाली घोषणापत्र के दौरान ऐसा नहीं हुआ था।

जी20 पर चीन का क्या रूख रहा है

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि जी20 समिट के ज्यादातर आउटकम पर चीन का सपोर्टिव रूख रहा है। यह सभी देशों के लिए महत्वपूर्ण है कि उन्होंने किस लेवल पर खुद को रिप्रेजेंट किया है। मुझे नहीं लगता कि किसी को इसका मतलब निकालने की आवश्यकता है। हमारा कहना है कि किस देश ने इसके लिए क्या पोजीशन ली है, वह ज्यादा महत्वपूर्ण है। साथ ही यह भी कि किस देश ने जी20 आउटकम के लिए क्या प्रयास किए हैं। मैं यह कह सकता हूं कि चीन ज्यादातर आउटकम के मामले में सपोर्टिव रहा है।

भारत की प्रेसीडेंसी में हुआ कमाल

विदेश मंत्री ने कहा कि यह भारत की प्रेसीडेंसी की जीत है कि दुनिया के सभी देशों ने इस घोषणापत्र पर न सिर्फ सहमति जताई बल्कि एक राय से साथ रहे। जबकि भारत ने यूक्रेन को लेकर टेक्स्ट में कुछ बदलाव किए थे। जहां तक यूक्रेन युद्ध का सवाल है तो हम पहले भी यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में अपने देश का स्टैंड क्लियर कर चुके हैं।

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