G20 Summit डॉक्यूमेंट्स में विश्व बैंक ने की भारत के प्रोग्रेस की सराहना

G20 Summit: विश्व बैंक ने जी20 डॉक्यूमेंट्स में भारत की प्रगति की सराहना की है। वर्ल्ड बैंक ने बताया कि डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (DPI) का भारत पर परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ा है। विश्व बैंक ने भारत में डीपीआई के परिवर्तनकारी प्रभाव की सराहा है।

 

Dheerendra Gopal | Published : Sep 8, 2023 3:32 PM IST / Updated: Sep 11 2023, 05:06 PM IST

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भारत के डीपीआई दृष्टिकोण की सराहना करते हुए विश्व बैंक के दस्तावेज़ में कहा गया है कि भारत ने केवल 6 वर्षों में वह हासिल कर लिया है जो लगभग पांच दशकों में हासिल हुआ होगा। जेएएम ट्रिनिटी ने फाइनेंशियल इन्क्लूशन रेट को 2008 में 25% से बढ़ाकर पिछले 6 वर्षों में वयस्कों के 80% से अधिक कर दिया है। डीपीआई की बदौलत यह जर्नी 47 साल तक छोटी हो गई है। इस छलांग में डीपीआई की भूमिका निस्संदेह है।

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प्रधानमंत्री जनधन योजना खातों की संख्या मार्च 2015 में 147.2 मिलियन से तीन गुना होकर जून 2022 तक 462 मिलियन हो गई है। इनमें से 56 प्रतिशत यानी 260 मिलियन से अधिक खातों की मालिक महिलाएं हैं। जन धन प्लस कार्यक्रम कम आय वाली महिलाओं को बचत करने के लिए प्रोत्साहित करता है जिसके परिणामस्वरूप (अप्रैल 2023 तक) 12 मिलियन से अधिक महिला ग्राहक हैं और केवल पांच महीनों में औसत शेष में 50% की वृद्धि हुई है। अनुमान है कि 100 मिलियन कम आय वाली महिलाओं को बचत गतिविधियों में शामिल करके, भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक लगभग 25,000 करोड़ रुपये (3.1 बिलियन डॉलर) जमा आकर्षित कर सकते हैं।

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पिछले दशक में भारत ने DPI का लाभ उठाते हुए दुनिया के सबसे बड़े डिजिटल G2P आर्किटेक्चर में से एक का निर्माण किया है। इसने 312 प्रमुख योजनाओं के माध्यम से 53 केंद्र सरकार के मंत्रालयों से सीधे लाभार्थियों को लगभग 361 बिलियन डॉलर की राशि का ट्रांसफर किया है। मार्च 2022 तक इसके परिणामस्वरूप 33 बिलियन डॉलर की कुल बचत हुई, जो सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 1.14 प्रतिशत के बराबर है।

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यूपीआई: अकेले मई 2023 में लगभग 14.89 ट्रिलियन रुपये मूल्य के 9.41 बिलियन से अधिक लेनदेन किए गए। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए, UPI लेनदेन का कुल मूल्य भारत की नाममात्र जीडीपी का लगभग 50 प्रतिशत था।

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भारत में डीपीआई ने भारत में व्यवसाय संचालन की जटिलता, लागत और समय में कमी के माध्यम से निजी संगठनों की दक्षता में भी वृद्धि की है। यहां तक कि कुछ एनबीएफसी को एसएमई लोन देने में 8% अधिक ट्रांसफार्मेशन रेट, रेट लॉस लागत में 65% की बचत और धोखाधड़ी का पता लगाने से संबंधित लागत में 66% की कमी करने में सक्षम बनाया गया है। उद्योग के अनुमान के अनुसार, डीपीआई के उपयोग से भारत में ग्राहकों को जोड़ने की बैंकों की लागत 23 डॉलर से घटकर 0.1 डॉलर हो गई।

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इंडिया स्टैक ने केवाईसी प्रक्रियाओं को डिजिटल और सरल बना दिया है जिससे लागत कम हो गई है। ई-केवाईसी का उपयोग करने वाले बैंकों ने अपनी अनुपालन लागत $0.12 से घटाकर $0.06 कर दी। लागत में कमी ने कम आय वाले ग्राहकों को सेवा के लिए अधिक आकर्षक बना दिया और नए उत्पाद विकसित करने के लिए मुनाफा कमाया।

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भारत और सिंगापुर के बीच फरवरी 2023 में UPI-PayNow इंटरलिंकिंग किया है। G20 की फाइनेंशियल इन्क्लूशन के लिए भी यूपीआई पेमेंट की सुविधा प्रदान की गई है।

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भारत के अकाउंट एग्रीगेटर (एए) फ्रेमवर्क का उद्देश्य भारत के डेटा बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है। इससे कंज्यूमर्स और इंडस्ट्रीज को इलेक्ट्रॉनिक सहमति ढांचे के माध्यम से केवल उनकी सहमति से अपना डेटा साझा करने में सक्षम बनाया जा सके। आरबीआई ने फ्रेमवर्क को रेगुलेट किया है। कुल 1.13 बिलियन क्यूमुलेटिव अकाउंट्स डेटा शेयर करने के लिए सक्षम हैं।

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भारत का डीईपीए (DEPA) व्यक्तियों को उनके डेटा पर नियंत्रण प्रदान करता है जिससे वे इसे प्रदाताओं के बीच साझा कर सकते हैं। यह नए एंट्रेंट्स को पहले से मौजूद कंज्यूमर्स रिलेशनशिप, इनोवेशना और कंप्टीशन को बढ़ावा देता है।

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