दिल्ली एयरपोर्ट के पास शिवलिंग के आकार का फव्वारा (Shivling shaped fountain) लगाया गया है। इसके चलते लोग सवार खड़े कर रहे हैं। लोगों को यह पसंद नहीं आ रहा है कि शिवलिंग का इस्तेमाल सजावट के लिए हो।
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में 9-10 सितंबर को जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) होना है। इसको लेकर तैयारियां अंतिम चरण में हैं। इसी क्रम में दिल्ली एयरपोर्ट के पास शिवलिंग के आकार का फव्वारा लगाया गया है। इससे विवाद खड़ा हो गया है। फव्वारा लगाने का उद्देश्य भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिकता प्रदर्शित करना बताया जा रहा है हालांकि लोग ज्ञानवापी का जिक्र कर कई तरह के सवाल खड़े कर रहे हैं।
लोग इस बात पर सवाल उठा रहे हैं कि सजावट के लिए धार्मिक प्रतीक का इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है। भगवान शिव जैसा दिखने वाला फव्वारा जी20 शिखर सम्मेलन के लिए किए गए सौंदर्यीकरण का हिस्सा है। दिल्ली कैंट के हनुमान चौक पर 12 शिव फव्वारे और सड़क के विपरीत दिशा में छह और फव्वारे लगाए गए हैं।
भाजपा की राष्ट्रीय मीडिया पैनलिस्ट चारु प्रज्ञा ने सोशल मीडिया पर कहा, "शिवलिंग सजावट के लिए नहीं है। धौला कुआं ज्ञानवापी नहीं है। दिल्ली के धौला कुआँ इलाके में आम आदमी पार्टी सरकार ने शिवलिंग के आकार के फव्वारे लगाए हैं।"
क्रेडिट को लेकर आमने सामने आप-बीजेपी
इस विवाद ने भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच नई राजनीतिक टकराव शुरू कर दिया है। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने 27 अगस्त को शिवलिंग के आकार के फव्वारे का निरीक्षण किया था। उन्होंने तस्वीरें अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट कीं। इस मुद्दे पर दोनों पार्टियों के बीच चल रही राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता और तेज होने की आशंका है।
जी20 शिखर सम्मेलन को लेकर दिल्ली- एनसीआर में सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। सड़को की मरम्मत की गई है और उन्हें पेंटिंग से सजाया गया है। इसके साथ ही फव्वारों की स्थापना भी की गई है। इसकी क्रेडिट को लेकर भाजपा और आम आदमी पार्टी के नेता जुबानी जंग कर रहे हैं।
वीरेंद्र सचदेवा बोले सजावट के लिए पैसे दे रही केंद्र सरकार
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि जी20 की तैयारियों के लिए दिल्ली में जो बदलाव किए जा रहे हैं उसके लिए पैसे केंद्र सरकार दे रही है। इसके जवाब में आप ने कहा कि यह देखकर हैरानी होती है कि बीजेपी को आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों को अपना बताना पड़ रहा है। पूरा पैसा दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग ने संबंधित कार्यों पर खर्च किया है। इस बीच सोशल मीडिया पर लोगों ने शिवलिंग को सजावटी वस्तु के रूप में लगाने की आलोचना की है। आइए कुछ प्रतिक्रियाओं पर एक नजर डालें।