
PM Modi G20 Africa Visit: अफ्रीकी महाद्वीप पर पहली बार हो रहे G20 समिट में भारत की भूमिका बेहद खास मानी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार सुबह तीन दिन के दौरे पर साउथ अफ्रीका के जोहान्सबर्ग पहुंचे, जहां वह दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच भारत का नज़रिया पेश करेंगे। यह न सिर्फ ग्लोबल साउथ के लिए खास मौका है, बल्कि भारत के लिए यह एक ऐसा मंच है जहां वह अपनी विदेश नीति, विकास मॉडल और वैश्विक दृष्टिकोण को मजबूती से दुनिया के सामने रख सके। PM मोदी ने रवाना होने से पहले साफ कहा कि वह ‘वसुधैव कुटुंबकम’ और ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के विज़न के साथ दुनिया के सामने भारत का नज़रिया पेश करेंगे। क्या इस समिट से भारत ग्लोबल साउथ का असली नेतृत्व हासिल करने की ओर बढ़ रहा है?
यह समिट कई वजहों से ऐतिहासिक है। पहली यह G20 का पहला आयोजन है जो अफ्रीकी धरती पर हो रहा है। दूसरी अफ्रीकन यूनियन को भारत की G20 प्रेसीडेंसी के दौरान स्थायी सदस्य बनाया गया था, जिससे ग्लोबल साउथ की ताकत पहली बार इतनी मजबूती से सामने आई। PM मोदी का यह दौरा भारत-अफ्रीका संबंधों को नए स्तर पर ले जाने का संकेत देता है। समिट में उनकी कई प्रमुख राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात तय है, जिनमें से कई से बाइलैटरल मीटिंग्स भी होंगी। इसके साथ ही वह 6th IBSA Summit में भी भाग लेंगे-जो भारत, ब्राज़ील और साउथ अफ्रीका की त्रिकोणीय साझेदारी को और मजबूत करेगा।
भारत AI गवर्नेंस से लेकर आपदा प्रबंधन, ग्रीन एनर्जी और फाइनेंसिंग तक कई मुद्दों पर नई रूपरेखा पेश कर सकता है। यह ग्लोबल साउथ के देशों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगा।
साउथ अफ्रीका से पहले G20 की प्रेसीडेंसी भारत, ब्राजील और इंडोनेशिया के पास रही-तीनों ही ग्लोबल साउथ की मजबूत आवाज हैं। लगातार चार साल तक यह नेतृत्व ग्लोबल साउथ के हाथ में रहना अपने आप में एक संदेश है। भारत ने दिल्ली G20 समिट में अफ्रीकन यूनियन को स्थायी सदस्य बनाकर इस दिशा में पहला बड़ा कदम रखा था। अब अफ्रीका में हो रही यह समिट उस रणनीति को और मजबूत कर सकती है।
PM मोदी अफ्रीका में बसे भारतीय समुदाय के साथ मुलाकात भी करेंगे। अफ्रीका दुनिया में भारतीय डायस्पोरा का सबसे बड़ा केंद्र है, और भारत अपनी सॉफ्ट-डिप्लोमैटिक स्ट्रैटेजी में डायस्पोरा को एक महत्वपूर्ण कड़ी मानता है। यह मुलाकात भारत-अफ्रीका सांस्कृतिक और आर्थिक रिश्तों को और गहराई दे सकती है।
अफ्रीका में G20 समिट इस सवाल का जवाब दुनिया को जल्द देगा।