लद्दाख की गलवान घाटी में चीन सैनिकों के साथ हुए संघर्ष(Galwan conflict)में देश के लिए अपनी जान न्यौछावर करने वाले कर्नल बी. संतोष बाबू(Colonel Bikkumalla Santosh Babu) को मरणोपरांत आज महावीर चक्र से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही 5 अन्य सैनिकों को भी वीर चक्र दिया गया।
नई दिल्ली. गलवान घाटी (Galwan conflict) में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में देश के लिए अपनी जान देने वाले जाबांज कर्नल बी संतोष बाबू संतोष बाबू(Colonel Bikkumalla Santosh Babu) को मरणोपरांत 23 नवंबर को महावीर चक्र से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही 5 अन्य सैनिकों को भी वीर चक्र प्रदान किया गया। ये अवार्ड राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद(President Ram Nath Kovind) ने प्रदान किए। कर्नल बाबू को महावीर चक्र के अलावा जिन अन्य बहादुर सैनिकों को वीर चक्र दिया गया, वे हैं- नायब सूबेदार नूदूराम सोरेन (16 बिहार), हवलदार के. पिलानी (81 फील्ड रेजीमेंट), नायक दीपक कुमार ( आर्मी मेडिकल कोर-16 बिहार) और सिपाही गुरजेत सिंह (3 पंजाब)। इन सभी को मरणोपरांत यह मैडल दिया गया। इनके अलावा हवलदार तेजेंद्र सिंह (3 मीडियम रेजीमेंट) को भी चीनी सैनिकों से सीधे लड़ाई करने और उनके मंसूबे फेल करने के लिए वीर चक्र से सम्मानित किया गया है। ( तस्वीर- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कर्नल बाबू की मां और पत्नी को पुरस्कार दिया।)
14 परम विशिष्ट सेवा पदक, दो उत्तम युद्ध सेवा मेडल तथा 23 अति विशिष्ट सेवा पदक भी दिए गए
सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने रक्षा अलंकरण समारोह (चरण-3) के दौरान सशस्त्र बलों और भारतीय तटरक्षक बल के कर्मियों को एक महावीर चक्र (मरणोपरांत), एक कीर्ति चक्र (मरणोपरांत), पांच वीर चक्र (चार मरणोपरांत) तथा छह शौर्य चक्र (एक मरणोपरांत सहित) प्रदान किए। विशिष्ट वीरता, अदम्य साहस और कर्तव्य के प्रति अत्यधिक समर्पण के लिए रक्षा कर्मियों को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति ने असाधारण स्तर की विशिष्ट सेवा के लिए 14 परम विशिष्ट सेवा पदक, दो उत्तम युद्ध सेवा मेडल और 23 अति विशिष्ट सेवा पदक भी प्रदान किए। (क्लिक करके पुरस्कार विजेताओं की सूची देखें)
गलवान घाटी में 15 जून, 2020 को हुई थी झड़प
भारत और चीन सैनिकों के बीच हुई खूनी झड़प 15 जून, 2020 को हुई थी। इस लड़ाई में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इनमें कर्नल संतोष बाबू भी शामिल थे। इसमें चीन के 40 सैनिक मारे गए थे। हालांकि चीन ने कभी यह स्वीकार नहीं किया। 1962 के चीन युद्ध और गलवान घाटी में मातृभूमि की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीरों को सम्मान देने के लिए रेजांग ला युद्ध स्मारक (Rezang La war memorial) बनाया गया है। इसका उद्घाटन रक्षामंत्री राजनाथ सिंह(Rajnath Singh) ने 18 नवंबर को किया था। यह स्मारक पूर्वी लद्दाख के रेजांग ला में है।
22 नवंबर को राष्ट्रपति ने विंग कमांडर अभिनंदन को दिया था वीर चक्र
वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान(Abhinandan Varthaman) को उनके अदम्य साहस के लिए 22 नवंबर को वीर चक्र(Vir Chakra) से सम्मानित किया गया था। यह अवार्ड उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद(President Ram Nath Kovind) ने प्रदान किया। इसके अलावा अन्य वीरों को भी राष्ट्रपति ने सम्मानित किया था।
तीसरा सबसे बड़ा सैन्य पुरस्कार
वीर चक्र एक भारतीय युद्धकालीन सैन्य वीरता पुरस्कार(Indian wartime military bravery award ) है। यह युद्ध के मैदान में अदम्य साहस दिखाने पर दिया जाता है। यह तीसरा बड़ा भारतीय सैन्य पुरस्कार है। परम वीर चक्र(Param Vir Chakra) और महा वीर चक्र(Maha Vir Chakra) के बाद यह आता है। पहला वीर चक्र 1947 में दिया गया था। अभिनंदन के अलावा अब तक 361 वीर चक्र प्रदान किए चुके हैं।
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