अक्सर कांग्रेस (Congress) के प्रति मुखर रहने वाले कांग्रेस नेता मनीष तिवारी (Manish tiwari) ने मुंबई (Mumbai) के 26/11 हमले के बाद पाकिस्तान (Pakistan) पर कोई कार्रवाई न करने को लेकर तत्कालीन मनमोहन (Manmohan) सरकार को घेरा है।
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी (manish tiwari) ने 26/11 हमले को लेकर मनमोहन सरकार की आलोचना की है। उन्होंने अपनी किताब में इसका जिक्र करते हुए लिखा है कि मनमोहन सरकार ने हमले के बाद भी पाकिस्तान पर कार्रवाई नहीं की। इससे भारत कमजोर हुआ। उन्होंने लिखा कि अमेरिका ने 9/11 हमले के बाद जितनी तेजी से आतंकियों पर कार्रवाई की, वही तेजी भारत को भी दिखानी चाहिए थी। गौरतलब है कि 26/11 हमले में पाकिस्तान का साफ कनेक्शन नजर आया था, फिर भी तत्कालीन यूपीए (UPA)सरकार की तरफ से कड़ी कार्रवाई नहीं की गई। मनीष तिवारी इससे पहले भी अपनी ही पार्टी (Congress)को घेर चुके हैं। पंजाब में सियासी ड्रामे और कांग्रेस में कन्हैया कुमार की एंट्री पर भी सवाल उठाए थे।
कमजोरी की निशानी
तिवारी ने लिखा है कि जब पाकिस्तान को निर्दोष लोगों का कत्लेआम करने पर कोई खेद नहीं तो संयम दिखाना आपकी ताकत की पहचान नहीं है, बल्कि कमजोरी की निशानी है। उन्होंने लिखा कि 26/11 का हमला एक ऐसा मौका था जब शब्दों से ज्यादा जवाबी कार्रवाई दिखनी चाहिए थी। लेकिन भारत की तरफ से कोई जवाबी कार्रवाई नहीं हुई।
भाजपा का कटाक्ष - उस वक्त कांग्रेस पाकिस्तान को बचाने में व्यस्त थी
मनीष तिवारी की किताब को लेकर भाजपा (BJP)ने भी कांग्रेस (Congress) को घेरना शुरू कर दिया है। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि एयर चीफ मार्शल फली मेजर ने भी कहा था कि 26/11 हमले के बाद वायुसेना कार्रवाई करना चाहती थी, लेकिन यूपीए (UPA) सरकार ने ऐसा नहीं करने दिया। कांग्रेस उस समय 26/11 के लिए हिंदुओं को जिम्मेदार ठहराने और पाकिस्तान को बचाने में व्यस्त थी।
कांग्रेस को किसने रोका था?
एक और ट्वीट में पूनावाला ने लिखा कि हिंदुत्व, 370 और सर्जिकल स्ट्राइक पर राहुल गांधी और कांग्रेस लगातार पाकिस्तान की भाषा ही बोलते हैं। कांग्रेस को बताना चाहिए कि जैसी कार्रवाई उरी (Uri)और पुलवामा (Pulwama)हमले के बाद हुई, वैसी कार्रवाई 26/11 के बाद करने से किसने और क्यों रोका?
60 से ज्यादा लोग मारे गए थे 26/11 हमले में
26 नवंबर 2008 की रात करीब 10 बजे अजमल कसाब समेत 10 पाकिस्तानी आतंकियों ने मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनल, होटल ताज, बार और ओबेरॉय होटल जैसी जगहों को निशाना बनाया। इन हमलों में 160 से ज्यादा लोग मारे गए। नेवी, सील कमांडो ने ऑपरेशन चलाया, जिसके बाद 9 को मार गिराया गया था। एकमात्र आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया था, जिसे 21 नवंबर 2012 को फांसी दे दी गई। इस हमले में 11 जवाब शहीद हुए थे।
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