Big Controversy: गांधी जयंती पर twitter पर ट्रेंड हुआ नाथूराम गोडसे जिंदाबाद; वरुण गांधी बोले-ये शर्मनाक है

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर twitter पर ट्रेंड हुए 'नाथूराम गोडसे जिंदाबाद'  को लेकर विवाद छिड़ गया है। BJP सांसद वरुण गांधी ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है।

Asianet News Hindi | Published : Oct 2, 2021 8:20 AM IST / Updated: Oct 02 2021, 02:05 PM IST

नई दिल्ली. आज देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मना रहा है। लेकिन इस बीच twitter पर ट्रेंड हुए 'नाथूराम गोडसे जिंदाबाद'  को लेकर विवाद छिड़ गया है। BJP सांसद वरुण गांधी ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। वरुण गांधी ने इसे लेकर एक tweet किया है। इससे पहले सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi)और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद(President Ram Nath Kovind) सहित देश ने महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री को उनकी जयंती पर याद करते हुए श्रद्धांजलि दी थी।

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ये लोग शर्मसार कर रहे हैं
वरुण गांधी ने  'नाथूराम गोडसे जिंदाबाद' ट्रेंड पकड़ने पर खुद एक tweet के जरिये अपनी प्रतिक्रिया दी। वरुण गांधी ने कहा कि जो लोग 'नाथूराम गोडसे जिंदाबाद' tweet कर रह हैं, वे देश को गैर जिम्मेदार तरीके से शर्मसार कर रहे हैं। बता दें कि नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी, 1948 को महात्मा गांधी को गोली मारकर मार डाला था। उसे फांसी की सजा दी गई थी। गोडसे बंटवारे को लेकर गांधी को दोषी मानता था। वरुण गांधी ने कहा-भारत हमेशा एक आध्यात्मिक महाशक्ति रहा है। ये महात्मा हैं, जिन्होंने हमारे देश के आध्यात्मिक आधार को अपने अस्तित्व के माध्यम से व्यक्त किया और हमें एक नैतिक अधिकार दिया जो आज भी हमारी सबसे बड़ी ताकत है। 'गोडसे जिंदाबाद' ट्वीट करने वाले देश को गैर-जिम्मेदाराना शर्मसार कर रहे हैं।

India has always been a spiritual superpower,but it is the Mahatma who articulated our nation’s spiritual underpinnings through his being & gave us a moral authority that remains our greatest strength even today.Those tweeting ‘Godse zindabad’ are irresponsibly shaming the nation

इसलिए गांधी को गोडसे ने मारा था
30 जनवरी, 1948, नई दिल्ली का बिड़ला भवन। शाम के करीब 5.20 मिनट। बिड़ला भवन में रोज शाम को पांच बजे प्रार्थना होती थी। लेकिन इस दिन गांधीजी सरदार पटेल के साथ किसी मीटिंग में व्यस्त थे। वे विलंब से प्रार्थना के लिए निकले। बापू आभा और मनु के कंधों पर हाथ रखकर मंच की तरफ बढ़े, तभी गोडसे वहां पहुंचा। पहले उसने हाथ जोड़कर नमस्ते कहा। इस बीच मनु ने गोडसे से कहा कि भैया! सामने से हट जाओ..बापू को जाने दो, उन्हें पहले से ही देर हो चुकी है। अचानक गोडसे ने मनु को धक्का दिया। अपने हाथों में छुपाकर रखी सबसे छोटी बैरेटा पिस्टल निकाली और गांधीजी के सीने में तीन फायर झोंक दिए। दो गोलियां आर-पार निकल गईं, जबकि एक धंसी रह गई। इस तरह 78 साल के महात्मा गांधी का दु:खद अंत हो गया। गोडसे ने गांधी को क्यों मारा, इसकी असली वजह कभी सामने नहीं आई। हालांकि माना जा रहा है कि वो देश के बंटवारे से नाराज था। क्लिक करके पढ़ें विस्तार से 

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