पाकिस्तान की सीमा पर तैनात होंगे गणपति, 350 किमी लंबी यात्रा पर ट्रेन से रवाना हुई प्रतिमा

Published : Aug 27, 2019, 08:54 AM ISTUpdated : Aug 27, 2019, 08:56 AM IST
पाकिस्तान की सीमा पर तैनात होंगे गणपति, 350 किमी लंबी यात्रा पर ट्रेन से रवाना हुई प्रतिमा

सार

10 दिन तक चलने वाला गणेश चतुर्थी उत्सव 2 सितंबर को मनाया जाएगा। लेकिन इससे पहले ही सोमवार को पाकिस्तान की सीमा पर तैनात होने के लिए गणपति मुंबई के बांद्रा स्टेशन से रवाना हो गए। इस बार एलओसी पर गणपति बप्पा मोरया की जयकार होगी। बप्पा एलओसी पर रखवाली करेंगे। 

मुंबई. 10 दिन तक चलने वाला गणेश चतुर्थी उत्सव 2 सितंबर को मनाया जाएगा। लेकिन इससे पहले ही सोमवार को पाकिस्तान की सीमा पर तैनात होने के लिए गणपति मुंबई के बांद्रा स्टेशन से रवाना हो गए। इस बार एलओसी पर गणपति बप्पा मोरया की जयकार होगी। बप्पा एलओसी पर रखवाली करेंगे। 

दरअसल, एक महिला ने श्रद्धा और देशभक्ति के चलते एलओसी के नजदीक जम्मू-कश्मीर के पुंछ में गणपति की प्रतिमा स्थापित कर गणेशोत्शव मनाने का फैसला किया है। इसके लिए महिला 6 फीट ऊंची मूर्ति के साथ मुंबई से पुंछ के लिए ट्रेन से रवाना हुई। प्रतिमा ले वालीं किरण ईशर कश्मीरी पंडित हैं। किरण ने प्रतिमा को मुंबई के राजा की तर्ज पर  'बॉर्डर का राजा' नाम दिया है। वे कहती हैं कि वे अपने दोस्तों और जवानों की मदद से 36 घंटे का सफर पूरा कर 350 किमी दूर पुंछ में अपने गांव में प्रतिमा को ले जाएंगी। 

एनजीओ चलाती हैं किरण
ईशर जवानों और शहीदों के लिए जम्मू-कश्मीर में एक एनजीओ चलाती हैं। वे बताती हैं कि उनका परिवार हर बार भगवान का स्वागत करता है। लेकिन इस बार वे जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटने के चलते अपने परिवार और दोस्तों से बातचीत नहीं कर पाईं। इसलिए उन्होंने इस बार मुंबई के दोस्तों के साथ ही मिलकर गणपति को ले जाने का फैसला किया। उन्हें विश्वास है कि हर बार की तरह ही इस बार भी सेना के जवान प्रतिमा को गांव तक ले जाने में उनकी मदद करेंगे। उन्होंने बताया कि हर साल की तरह ही इस बार भी जवान बॉर्डर के राजा के दर्शन करने का इंतजार कर रहे होंगे। 

किरण के चाचा और भतीजे सेना में रहते शहीद हुए
2016 में ईशर के भतीजे शहीद हो गए थे। लेकिन उन्होंने चार आतंकियों को मारकर 250 से ज्यादा जानें बचाई थीं। उनके चाचा भी लद्दाख में शहीद हुए थे। ईशर पिछले 9 साल से गणपति उत्सव मना रही हैं। वे 2015 से हर साल मुंबई से प्रतिमा ले जाती हैं।

PREV

Recommended Stories

Goa Nightclub Fire Case: लूथरा ब्रदर्स का दावा- हमें गलत तरीके से फंसाया जा रहा
शशि थरूर ने ‘वीर सावरकर अवॉर्ड’ लेने से क्यों किया इनकार? जानें वजह क्या है?