कांग्रेस को बड़ा झटका, गौरव वल्लभ ने थामा भाजपा का दामन, कहा- एंटी सनातन नहीं बन सकता

Published : Apr 04, 2024, 12:02 PM ISTUpdated : Apr 04, 2024, 01:35 PM IST
gaurav vallabh

सार

कांग्रेस नेता गौरव वल्लभ ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष को अपना इस्तीफा दे दिया है।  उन्होंने खड़गे को भेजे गए इस्तीफे में लिखा है कि वह एंटी सनातन नहीं बन सकते। कांग्रेस छोड़ने के साथ ही गौरव ने भाजपा ज्वाइन कर ली है। 

नई दिल्ली। कांग्रेस को लोकसभा चुनाव से पहले एक और झटका लगा है। झारखंड के दिग्गज नेता गौरव वल्लभ ने भी कांग्रेस का दामन छोड़ दिया है। यही नहीं गौरव गुरुवार को भाजपा ज्वाइन कर ली है। गौरव ने पार्टी छोड़ने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को इस्तीफा भेजा है। खड़गे को लिखे लंबे चौड़े पत्र में गौरव ने पार्टी छोड़ने का कारण भी स्पष्ट किया है। कांग्रेस से हाथ खींचने के बाद अब उनके भाजपा में शामिल होने की चर्चा भी शुरू हो गई है।

दिनरात सनातन का विरोध करने मुझे ठीक नहीं लगता
कांग्रेस के प्रभावशाली नेता गौरव वल्लभ ने पार्टी अध्यक्ष खड़गे को लिखे पत्र में कहा है कि कांग्रेस की नीति से अब मेरे विचार मेल नहीं खा पा रहे हैं। दिनरात केवल सनातन धर्म का विरोध करना मुझे ठीक नहीं लगता है। मैं हिन्दू हूं और सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकता हूं। मुझे शुरू से ये कभी सिखाया नहीं गया है। इसलिए मैं भारी मन से पार्टी छोड़ रहा हूं। 

पढ़ें कांग्रेस ने निकाला तो संजय निरुपम बोले- मैंने तो पहले ही खड़गे को दे दिया था इस्तीफा

पार्टी लक्ष्य से भटक गई और युवाओं की कद्र नहीं
 गौरव का कहना है कि कांग्रेस सबसे पुरानी पार्टी है लेकिन अपने उद्देश्य से भटक गई है। मैंने पार्टी ज्वाइन की थी इस सोच के साथ की कांग्रेस में युवाओं की सोच को अहमियत मिलती है, लेकिन ऐसा कुछ महसूस नहीं कर सका। नए लोगों के आइडिया और पार्टी को आगे बढ़ाने के तरीकों को कांग्रेस का पुराना ढांचा खुद में एडजस्ट नहीं कर पा रहा है। पार्टी का ग्राउंड लेवल कनेक्शन खत्म हो चुका है। यही वजह है कि सभी राज्यों से कांग्रेस खत्म होती जा रही है। मजबूत विपक्ष की भूमिका भी वह नहीं निभा रही है। 

अडानी-अंबानी को कोस कर कुछ नहीं मिलेगा
गौरव का कहना है अडानी और अंबानी देश के वेल्थ क्रिएटर हैं। उनको कोसने से पार्टी को कुछ हासिल होने वाला नहीं है। उनको राजनीति से मतलब नहीं और वे अपने बिजनेस में लगे हैं। पार्टी को अपनी रणनीति में बदलाव करना चाहिए। मैं ऐसी राजनीति नहीं कर सकता हूं। इसलिए पार्टी से अलग हो रहा हूं।  

PREV

Recommended Stories

जर्मनी दौरे पर राहुल गांधी के बयान से सियासी घमासान, BJP–Congress आमने-सामने
‘एक भी घुसपैठिया मिला ’ गडकरी के जवाब पर संसद में लगे ठहाके