पीएम नरेंद्र मोदी ने की ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस की घोषणा, 10 प्वाइंट में जाने दुनिया को होगा क्या लाभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस (Global Biofuels Alliance) की घोषणा की है। इसकी मदद से ऊर्जा के स्रोत के रूप में बायोफ्यूल को बढ़ावा दिया जाएगा।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit 2023) के साइड लाइन पर शनिवार को ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस की घोषणा की। इसकी मदद से ऊर्जा संकट का सामना कर रहे विश्व को राहत मिलेगी। ऊर्जा के स्रोत के रूप में बायोफ्यूल को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे पेट्रोलियम के आयात पर खर्ज घटाने के साथ ही पर्यावरण की रक्षा करने में भी मदद मिलेगी।

ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस के बारे में 10 प्वाइंट

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1- ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस भारत के नेतृत्व वाली पहल है। इसके द्वारा जैव ईंधन को अपनाने की सुविधा के लिए सरकारों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और उद्योग का गठबंधन विकसित किया जाएगा।

2- जी20 के 19 सदस्य देशों में से सात (भारत, अर्जेंटीना, ब्राजील, कनाडा, इटली, दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका) और 12 अंतरराष्ट्रीय संगठन जीबीए में शामिल होने के लिए सहमत हो चुके हैं।

3-ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस द्वारा जैव इंधन के बड़े उपभोक्ता और उत्पादक देशों को एक साथ लाया जाएगा। इसका लक्ष्य जैव ईंधन का इस्तेमाल बढ़ाकर आर्थिक विकास में योगदान देना है।

4- ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस द्वारा जैव इंधन बनाने और इसके इस्तेमाल की क्षमता विकसित करने के लिए तकनीकी सहायता दी जाएगी।

5-ग्लोबल बायोफ्यूल्स एलायंस द्वारा ऐसी टेक्नोलॉजी विकसित की जाएगी जिससे देश और उद्योग इस बात की जानकारी जुटा सकेंगे कि कहां जैव इंधन की मांग कितनी है और इसकी आपूर्ति किस तरह की जा सकती है।

6- गठबंधन जैव ईंधन अपनाने और इसके व्यापार को प्रोत्साहित करेगा। इसके द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त मानकों, कोड, स्थिरता सिद्धांतों और विनियमों का विकास किया जाएगा।

7- ग्लोबल बायोफ्यूल्स एलायंस विश्व स्तर पर भारत की स्थिति को मजबूत करने में भी मदद करेगा। भारत द्वारा दूसरे देशों को बायोफ्यूल्स संबंधी टेक्नोलॉजी और उपकरणों का निर्यात किया जाएगा। इससे भारतीय उद्योगों को अवसर मिलेगा।

8- यह नई पहल भारत के मौजूदा जैव ईंधन कार्यक्रमों जैसे पीएम-जीवनयोजना, सतत और गोबरधन योजना में तेजी लाने में मदद करेगी। इससे किसानों की आय में वृद्धि, नौकरियां पैदा करने और भारतीय पारिस्थितिकी तंत्र के समग्र विकास में योगदान मिलेगा।

9- बांग्लादेश, सिंगापुर, मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात, आइसलैंड, केन्या, गुयाना, पराग्वे, सेशेल्स, श्रीलंका, युगांडा और फिनलैंड भी जीबीए के सदस्य बनने के लिए सहमत हुए हैं।

10- विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक, विश्व आर्थिक मंच, विश्व एलपीजी संगठन, सभी के लिए संयुक्त राष्ट्र ऊर्जा, यूनिडो, बायोफ्यूचर्स प्लेटफार्म, अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन, अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी, अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा मंच, अंतरराष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी और विश्व बायोगैस एसोसिएशन जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठन वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन का हिस्सा बनेंगे।

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