सड़क निर्माण करने वाली महिलाओं को मिलेगी Paid मैटरनिटी लीव, सरकार ने जारी की एडवाइजरी

सरकार ने एडवााइजरी जारी कर कहा कि सड़क निर्माण करने वाली कंपनियां रजिस्टर्ड महिला श्रमिकों को पैड मैटरनिटी लीव देना चाहिए। इन्हें 26 हफ्तों की पैड लीव मिले ताकि महिला सशक्तिकरण, लैंगिक समानता और महिला कार्यबल की भागीदारी को बढ़ावा मिले। 

Nitesh Uchbagle | Published : Jan 31, 2024 5:25 AM IST / Updated: Jan 31 2024, 12:14 PM IST

नई दिल्ली. सरकार ने रजिस्टर्ड श्रमिकों के कल्याण और अधिकारों के लिए बेहद जरुरी कदम उठाया आया है। महिला एवं बाल विकास और रोजगार मंत्रालय की संयुक्त एडवााइजरी जारी कर कहा कि सड़क निर्माण करने वाली कंपनियां रजिस्टर्ड महिला श्रमिकों को पैड मैटरनिटी लीव देना चाहिए। छुट्टी देने के साथ ही इन छुट्टियों के लिए भुगतान ऑनलाइन करने की सलाह दी है। "इसकी घोषणा सक्षम नारी सशक्त भारत"  कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री स्मृती ईरानी ने की है। 

स्मृति ईरानी ने की घोषणा

केंद्रीय बाल एवं महिला विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि रजिस्टर्ड सड़क निर्माण श्रमिकों को दो प्रसव तक 26 हफ्तों के लिए पैड मैटरनिटी लीव के हकदार होंगे। इसका उद्देश्य विशेष रूप से वर्कफोर्स में महिलाओं को समर्थन देना और सशक्त बनाना है। इसके अलावा सरकार ने दो से अधिक बच्चों वाली महिलाएं के साथ गोद लेने वाली महिलाओं की जरूरतों पर भी विचार किया है। इन परिस्थिति में महिलाओं को 12 हफ्तों की पैड मैटरनिटी लीव देने की जरूरत हैं।

अधिकारी केवल कागजी नहीं सक्रिय रूप से काम करें

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि अधिकारियों को सिर्फ कागजों पर स्याही लगाना नहीं बल्कि इस मामले में सक्रिय रूप से काम करने पर जोर देना चाहिए। इतना ही नहीं अगर कंस्ट्रक्शन साइट पर महिला को गर्भपात का अनुभव होता है, तो कंपनी महिला को 6 दिन की पैट मैटरनिटी लीव देगी

 

 

कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी कार्यक्रम के दौरान स्मृति ईरानी ने यह घोषणा की है। इस कार्यक्रम में रोजगार मंत्रालय ने कंपनियों के लिए यह एडवाइजरी जारी की, जिसमें महिला सशक्त बनाने, लैंगिक समानता और महिला कार्यबल की भागीदारी को बढ़ावा देने की बात कही गई है। 

मैटरनिटी लीव में ये सुविधाएं मिलेगी

महिला एवं बाल विकास और रोजगार मंत्रालय की संयुक्त एडवााइजरी में कंपनियों को कहा गया है कि महिला श्रमिकों को सुरक्षित वातावरण देने के लिए नाइट शिफ्ट के दौरान पिक एंड ड्रॉप की सुविधा देनी होगी। महिला कर्मी का वेतन उनके बैंक खाते में मुहैय्या करवाया जाए।

कंपनियों को सरकार की सलाह

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की गाइडलाइन के मुताबिक महिला के 6 महीने के बच्चों के लिए प्रोटोकॉल जारी किया है। इसके मुताबिक, दफ्तरों, स्कूलों और अस्पतालों में मासिक शुल्क पर ये सुविधा दी जाए। बच्चों की सुरक्षा, स्वच्छता और सेहत का ध्यान रखने के साथ उन्हें उनकी उम्र के मुताबिक खिलौने मुहैया करवाए जाए। इसके अलावा सरकारी उपक्रमों में हॉस्टल की सुविधा भी मुहैया की जानी चाहिए। सरकार की इस पहल पर सात केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने इस संबंध में प्रस्ताव रखे है।

 

 

Share this article
click me!