व्हाट्सअप मार्केटिंग के लिए जब डेटा शेयर कर सकता तो लाॅ एंड आर्डर के लिए क्यों नहींः रविशंकर प्रसाद

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने साफ किया कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सारे कदम उठा रही है न कि व्हाट्सअप को बंद कराने के लिए। सरकार जो नियमों बनाई है उससे व्हाट्सअप के सामान्य तरीके से संचालन पर कोई असर नहीं पड़ने जा रहा है।

नई दिल्ली। यूजर्स के मैसेज की ओरिजिन की निगरानी रखने के केंद्र सरकार के नियमों के खिलाफ व्हाट्सअप ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कोर्ट में सोशल मीडिया कंपनी ने यूजर्स की निजता का उल्लंघन बताते हुए सवाल खड़े करने के बाद सरकार ने जवाब दिया है। सरकार की ओर से कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार ‘निजता के अधिकार’ को समझती है लेकिन कानून-व्यवस्था को बनाए रखने की जिम्मेदारी भी सरकार की ही है। सोशल मीडिया रूल्स का पालन कराना राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है। 

सरकार के नियमों से सोशल मीडिया कंपनी पर कोई असर नहीं होगा

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केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने साफ किया कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सारे कदम उठा रही है न कि व्हाट्सअप को बंद कराने के लिए। सरकार जो नियमों बनाई है उससे व्हाट्सअप के सामान्य तरीके से संचालन पर कोई असर नहीं पड़ने जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह नियम केवल व्हाट्सअप के लिए नहीं बनाया गया है बल्कि देश में संचालित हो रही सोशल मीडिया कंपनियों पर लागू है। 

2018 में आपत्ति क्यों नहीं किया, आखिरी वक्त मुकरना गलत

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार सोशल मीडिया को रेगुलेट करने के लिए जब कानून बना रही थी तो सबके सुझाव लिए गए थे। अक्तूबर 2018 में ही कंपनी को आपत्ति करना चाहिए था। अब आखिरी वक्त पर जब नियमों को लागू किया जा रहा है ऐसी बातें करना सही नहीं है। 

क्यों अपनी दूसरी कंपनियों को डेटा शेयर कर रहे

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि व्हाट्सअप अपनी दूसरी कंपनियों फेसबुक आदि को यूजर्स का डेटा शेयर कर रहा तो यहां निजता का उल्लंघन नहीं है जोकि केवल मार्केटिंग के लिए किया जा रहा है लेकिन कानून-व्यवस्था के लिए कुछ नियमों का पालन करने में लोगों के निजता का उल्लंघन की दुहाई देना गलत बात है। उन्होंने कहा कि हर देश का अपना कानून होता है, हमारा भी है और आपको यहां रहते हुए पालन करना होगा। 

क्यों मैसेज की ओरिजिन को सुरक्षित किया जाना आवश्यक

दरअसल, सरकार का मानना है कि भ्रामक मैसेज या किसी अफवाह को फैलाकर समाज में अशांति, हिंसा फैलाई जा रही है। महिला या बच्चों का भी शोषण सोशल मीडिया पर हो रहा। वीडियो-फोटोज से लोगों को बदनाम किया जा रहा है। इसके खिलाफ कार्रवाई करने और कानून-व्यवस्था के लिए मैसेज के ओरिजिन का पता होना अत्यावश्यक है। इससे असली अपराधी/गुनहगार तक पहुंचा जा सकेगा। सरकार ने मैसेज ओरिजिन को सुरक्षित करने के लिए इसीलिए निर्देश दिए हैं। 

क्या है व्हाट्सअप का कहना 

व्हाट्सअप का कहना है कि इतने यूजर्स पर निगरानी रखना और किसी मैसेज की ओरिजिन को सुरक्षित रखने में लोगों की निजता का उल्लंघन होगा। यह कानूनन सही नहीं है। इससे किसी भी एक व्यक्ति या दो व्यक्तियों के बीच तीसरे की बिना इजाजत दखल मानी जाएगी। 

दूसरे देशों में सख्त कानून

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि भारत में जो नियम बनाए गए हैं उस तरह के कानून अन्य देशों में भी है। अमेरिका, यूके, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, कनाडा में टेक कंपनियों को सरकार को लीगल प्रोसेस के लिए सारा डेटा प्रोवाइड कराना अनिवार्य है। ब्राजील में तो व्हाट्सअप को संदिग्ध आईपी एड्रेस, यूजर का इंफारमेशन, जीओ लोकेशन डेटा, मैसेज सभी उपलब्ध कराने का आदेश है। 
 

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