केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने एनजीओ राष्ट्रमंडल मानवाधिकार पहल का लाइसेंस निलंबित कर दिया है। एनजीओ ने विदेश से मिलने वाले पैसे के हिसाब में गड़बड़ी की थी।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने एनजीओ राष्ट्रमंडल मानवाधिकार पहल (Commonwealth Human Rights Initiative (CHRI) का लाइसेंस निलंबित कर दिया है। एनजीओ ने विदेश से मिलने वाले पैसे के हिसाब में गड़बड़ी की थी। एनजीओ का पंजीकरण विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (FCRA) के तहत निलंबित किया गया। एजीओ ने इसके खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में रिट याचिका लगाई थी, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था।
इस संबंध में गृह मंत्रालय के अधिकारी ने एक न्यूज एजेंसी को बताया कि यह संगठन कई आधारों पर एफसीआरए के तहत अनिवार्य नियमों का पालन करने में विफल रहा और इसका उल्लंघन किया। सीएचआरआई द्वारा उल्लंघन किए गए नियमों में 2018-2019 के लिए वार्षिक रिटर्न जमा करने में विफलता के साथ-साथ उस परियोजना का विवरण भी शामिल है, जिसके लिए एनजीओ ने विदेशी योगदान प्राप्त किया। एनजीओ ने भारत में विदेशी पैसा प्राप्त किया और उसे देश से बाहर खर्च किया। इसके साथ ही इसने विदेश की एक इकाई को परामर्श दिया और इसके बदले पेशेवर शुल्क लिया। एनजीओ ने इस पैसे को अपने वार्षिक रिटर्न में विदेशी योगदान के रूप में दिखाया।
बता दें कि विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 व्यक्तियों, संघों या कंपनियों द्वारा विदेश से पैसा या अन्य सुविधा पाने के मामले को रेगुलेट करता है। इस कानून द्वारा उन गितिविधियों के लिए विदेशी पैसा लेने या विदेश से सुविधाएं प्राप्त करने पर प्रतिबंध लगाया जाता है जो देश के लिए हानिकारक हैं। भारत में काम कर रही सभी एनजीओ को विदेश से पैसा पाने के लिए केंद्र सरकार से एफसीआरए लाइसेंस लेना होता है। विदेश मंत्रालय ने सीएचआरआई का एफसीआरए लाइसेंस पिछले साल 7 जून को 180 दिन के लिए निलंबित कर दिया था। इसे 1 दिसंबर को अगले 180 दिन के लिए बढ़ा दिया गया था।
लंदन में है सीएचआरआई का मुख्यालय
सीएचआरआई मानव अधिकारों के क्षेत्र में काम करने वाला एक अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन है। कई राष्ट्रमंडल पेशेवर संघों ने 1987 में सीएचआरआई की स्थापना की थी। क्योंकि 53 देशों के संघ के भीतर मानवाधिकारों पर बहुत कम ध्यान दिया गया था। इसने राष्ट्रमंडल ने सदस्य देशों को एक साझा सामान्य कानूनी प्रणाली का आधार प्रदान किया था। सीएचआरआई का कार्यालय नई दिल्ली में है और इसका मुख्यालय लंदन में स्थित है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को एफसीआरए के तहत अपने पंजीकरण के निलंबन के खिलाफ सीएचआरआई की रिट याचिका को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि अधिनियम प्रमाण पत्र के निलंबन से पहले एफसीआरए प्रमाणपत्र धारक को कोई अवसर प्रदान नहीं करता है।
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