भारत में पुरातत्व और संग्रहालय को संरक्षण देने और रिसर्च को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नोएडा में एक विश्वस्तरीय भारतीय विरासत संस्थान की स्थापना होने जा रही है। यह जानकारी संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी ने सोमवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
नई दिल्ली. नोएडा में विश्वस्तरीय (World class) भारतीय विरासत संस्थान (Indian Institute of Heritage) की स्थापना को लेकर काम शुरू हो गया है। संसद के मानसूत्र के पहले दिन संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने लोकसभा में इसकी जानकारी दी। इसके जरिये भारतीय विरासत और इसके संरक्षण से संबंधित क्षेत्र में उच्च शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा। यह संस्थान कला, संरक्षण, संग्रहालय विज्ञान, अभिलेखीय अध्ययन, पुरातत्व, निवारक संरक्षण, एपिग्राफी और न्यूमिज़माटिक्स(पुरानी मुद्राएं), पांडुलिपि विज्ञान आदि के इतिहास में पोस्टग्रेजुएशन और पीएचडी करने वाले स्टूडेंट्स को प्रोत्साहित करेगा।। साथ ही इस फील्ड में जॉब करने वाले कर्मचारियों और भारतीय विरासत संस्थान के छात्रों के लिए संरक्षण प्रशिक्षण सुविधाएं देगा।
ऐसा होगा मॉडल
इस संस्थान पंडित दीनदयाल उपाध्याय पुरातत्व संस्थान, भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार के तहत अभिलेखीय अध्ययन संस्थान ( School of Archival Studies under National Archives of India), द नेशनल रिसर्च लेबोरेट्री फॉर कंजरवेशन ऑफ कल्चर प्रॉपर्टी (NRLC), नेशनल म्यूजियम इंस्टीट्यूट आफ हिस्ट्री आफ आर्ट, कन्जरवेशन एंड म्यूजियोलॉजी (NMICHM) और एकेडमिक विंग ऑफ इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर द आर्ट (IGNCA) से डीम्ड होगा। यानी ये संस्थान के विभिन्न स्कूल बन जाएंगे।
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