निराशा के साथ लौट रहे अमरनाथ यात्री, घाटी में अब हालात पहले से बेहतर

जम्मूकश्मीर में शुक्रवार के बाद से अब शनिवार को हालात सामान्य हो गए हैं। स्कूल-कॉलेज खोले गए हैं। पेट्रोल पंप और एटीएम पर भीड़ कम हो गई है। जानकारी के मुताबिक सीआरपीएफ जवानों की छुट्टियों पर भी रोक लगा दी गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जरूरत पड़ने पर सैंक्शन छुट्टियां भी रद्द हो सकती है।

Asianet News Hindi | Published : Aug 3, 2019 4:05 AM IST / Updated: Aug 03 2019, 10:44 AM IST

श्रीनगर. जम्मूकश्मीर में शुक्रवार के बाद से अब शनिवार को हालात सामान्य हो गए हैं। स्कूल-कॉलेज खोले गए हैं। पेट्रोल पंप और एटीएम पर भीड़ कम हो गई है। जानकारी के मुताबिक सीआरपीएफ जवानों की छुट्टियों पर भी रोक लगा दी गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जरूरत पड़ने पर सैंक्शन छुट्टियां भी रद्द हो सकती है।

बता दें, जम्मू कश्मीर में आतंकी हमले की आशंका की एडवाइजरी जारी होने के बाद शुक्रवार को बीच में अमरनाथ यात्रा रोक दी गई थी। जिसके बाद राज्य के कई नेताओं ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की थी । कश्मीर में नेताओं की चिंता पर राज्यपाल ने कहा था- अफवाहों पर ध्यान न दें, और शांति बनाए रखें। राज्यपाल के मुताबिक, पुख्ता सूचना मिलने के बाद राज्य में अर्लट जारी किया गया है। इससे पहले राज्य सरकार ने एडवाइजरी जारी कर पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को लौटने के लिए कहा है। जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव (गृह) की तरफ से जारी सिक्योरिटी एडवाइजरी में श्रद्धालुओं और पर्यटकों से 'यात्रा की अवधि कम करने' और 'जल्द से जल्द लौटने' को कहा गया है। 


वहीं शुक्रवार को एटवाइजरी जारी होने के बाद जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा कि केंद्र सरकार कश्मीरियों को लूटने की तैयारी में है। वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एडवाइजरी पर सवाल उठाए। उन्होंने ट्वीट किया, 'मुझे यह समझ में नहीं आ रहा है कि जब सरकार विदेशी और भारतीय पत्रकारों की टीम पर पैसे बहाकर उन्हें यह बता रही है कि कश्मीर के हालात कितने अच्छे हैं और यात्रा कितनी अच्छी चल रही है तो फिर यात्रियों और पर्यटकों को तत्काल लौटने का यह आदेश क्यों जारी किया गया है?' 

 

सेना, CRPF और राज्य पुलिस की सयुंक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस 

इससे पहले राज्य में सुरक्षा की मौजूदा स्थिति को लेकर सेना, सीआरपीएफ और राज्य पुलिस ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की। इस दौरान सेना ने बताया कि आतंकियों ने अमरनाथ यात्रियों पर स्निपर राइफल से हमले की कोशिश की, लेकिन सुरक्षाबलों ने इसे नाकाम कर दिया। सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों को बारूदी सुरंगों का भी पता चला, इसे विफल कर दिया गया। सेना के मुताबिक, पाकिस्तान की आर्मी आतंकियों का समर्थन कर रही है। 

चिनार कॉर्प्स के कमांडर लेफ्टिनेंट जरनल केजेएस ढिल्लन ने कहा, ''अमरनाथ यात्रा के रूट पर आतंकियों के एक ठिकाने से सर्च के दौरान अमेरिकन स्निपर राइफल एम-24 बरामद हुई। पाकिस्तान लगातार कश्मीर में शांति भंग करने का प्रयास करता रहता है। उसकी ओर से घुसपैठ की कोशिश भी की गई। लेकिन सुरक्षाबल इसे लगातार नाकाम कर रहे हैं। एलओसी पर स्थिति काबू में है। हम कश्मीर की जनता को भरोसा दिलाना चाहते हैं कि किसी को भी घाटी में अशांति फैलाने की छूट नहीं दी जाएगी।''

ढिल्लन ने कहा, "मेरी सभी माताओं-बहनों से गुजारिश है कि वे ध्यान दें कि अगर आपका बच्चा 500 रुपए लेकर आज पत्थर फेंकता है, तो वह कल आतंकी बनेगा। बंदूक उठाने वाले स्थानीय लोगों में से 83 प्रतिशत ऐसे हैं, जो पत्थरबाजी में शामिल रहे हैं।''

जम्मू-कश्मीर डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा, ''राज्य में आतंकी घटनाओं में कमी आई है। आतंकी जम्मू कश्मीर में घुसपैठ की कोशिश करते रहते हैं, लेकिन हमारे सुरक्षाबलों ने उन्हें नाकाम कर दिया। हिजबुल मुजाहिदीन की सुरक्षाबलों ने कमर तोड़ दी। हम चाहते हैं कि कश्मीर के युवा हमारी सहायता करें और आतंकवादियों की मदद न करें। मां-बाप युवाओं को सही दिशा दिखाएं।'' 

सीआरपीएफ एडीजी ने जुल्फिकार हसन ने कहा, ''अमरनाथ यात्रा को बाधित करने के लिए कई प्रयास किए गए, लेकिन सुरक्षाबलों के हार्डवर्क, टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल और लोगों के सहयोग से उनको असफल कर दिया गया।'' आईजीपी कश्मीर ने एसपी पाणी ने कहा कि इस साल घाटी में अलग-अलग जगहों पर 10 से ज्यादा बार आतंकी हमलों की कोशिश की गई। इस दौरान मुन्ना लाहौर, कामरान और उस्मान जैसे आतंकी पकड़े गए।

Share this article
click me!