ग्रेटर हैदराबाद निगम चुनाव: 2016 के मुकाबले बीजेपी ने जीतीं 16 गुना ज्यादा सीटें, TRS को 56, AIMIM को 43 सीट

ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम की 150 सीटों पर हुए चुनाव के नतीजे घोषित हो गए हैं। देश के सबसे बड़े नगर निगमों में से एक ग्रेटर हैदराबाद के चुनाव में बीजेपी ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 49 सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं, केसीआर की पार्टी टीआरएस को 56, जबकि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM को 43 सीटों पर जीत मिली है। कांग्रेस को पिछली बार की तरह 2 सीटों से ही संतोष करना पड़ा है।

Asianet News Hindi | Published : Dec 4, 2020 2:03 AM IST / Updated: Dec 04 2020, 09:20 PM IST

नई दिल्ली। ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम की 150 सीटों पर हुए चुनाव के नतीजे घोषित हो गए हैं। देश के सबसे बड़े नगर निगमों में से एक ग्रेटर हैदराबाद के चुनाव में बीजेपी ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 49 सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं, केसीआर की पार्टी टीआरएस को 56, जबकि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM को 43 सीटों पर जीत मिली है। हालांकि, इन चुनाव में TRS सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। बता दें, सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू हुई थी। शुरुआती रुझान में भाजपा की सीटें बढ़ती दिख रही थीं लेकिन दोपहर एक बजे के बाद TRS सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आ गई। कांग्रेस को सिर्फ 2 सीटों से संतोष करना पड़ा है। 2016 से तुलना करें तो बीजेपी ने इस बार 16 गुना ज्यादा सीटें जीती हैं। 2016 में बीजेपी को महज 3 सीटें ही मिली थीं। इस बार चुनाव प्रचार के लिए बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी थी। बीजेपी के बड़े नेताओं में अमित शाह, जेपी नड्डा और योगी आदित्यनाथ ने प्रचार किया था। बता दें, निगम चुनाव में 1122 उम्मीदवार मैदान में थे। 74,67256 मतदाताओं में से 34,50331 ने वोट डाले हैं।  

साल 2016 में हैदराबाद ने TRS को अपना निजाम बनाया था

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2016 में ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव में TRS ने 150 वार्डों में से 99 जीते, जबकि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने 44 जीते। वहीं, भाजपा केवल 3 नगरपालिका वार्ड जीत सकी थी। कांग्रेस केवल 2 वार्डों में जीती थी। इस तरह ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम पर केसीआर की पार्टी ने कब्जा किया था।

ईवीएम से नहीं बल्कि बैलेट पेपर से क्यों हुआ चुनाव? 

ग्रेटर हैदराबाद निगम चुनाव में मतदान ईवीएम से नहीं बल्कि बैलेट पेपर से कराई गई। इसकी वजह पूछने पर चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया, कोरोना को देखते हुए और सभी राजनीतिक दलों से बात करने के बाद ही यह तय हुआ है कि चुनाव बैलेट पेपर से करवाए जाएं। राज्य चुनाव आयोग ने बताया कि वोटिंग मशीन पर मतदाता कुछ बटनों को बार बार दबाते हैं, जिससे कोरोना के फैलने का खतरा ज्यादा है।

भाजपा-149, टीआरएस-150, कांग्रेस-146, AIMIM-51 उम्मीदवार

150 सीटों के लिए भाजपा के 149 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं। वहीं टीआरएस सभी 150 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस 146 सीटों पर लड़ रही है। वहीं ओवैसी ने सिर्फ 51 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। टीडीपी के 106, सीपीआई के 17, सीपीएम के 12, निर्दलीय 415 और अन्य पार्टियों के 76 उम्मीदवार मैदान में हैं। 

हैदराबाद में 4 जिले, 24 विधानसभा सीट, 5 लोकसभा सीट आती है

ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम में 4 जिले आते हैं, जिनमें हैदराबाद, मेडचल- मलकजगिरी, रंगारेड्डी और संगारेड्डी शामिल है। चारों जिलों में कुल 24 विधानसभा सीटे है। वहीं इस क्षेत्र से 5 लोकसभा सीटें आती हैं। इसी वजह से भाजपा और कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टियों ने पूरी ताकत झोंक दी थी। 

सिर्फ 46.55% मतदान हुआ 

इस बार सिर्फ 46.55% मतदान हुआ। जबकि साल 2016 में 45.29% और 2009 में 42.04% मतदान हुआ।

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