इस गांव में मिली है बाबरी मस्जिद बनाने के लिए जमीन, रहते हैं 1400 मुस्लिम; पहले से मौजूद हैं 7 मस्जिदें

अयोध्या में 5 अगस्त को होने वाले राम मंदिर के भूमि पूजन की तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं। वहीं, यहां से करीब 25 किमी दूर लखनऊ हाईवे पर स्थित धन्नीपुर गांव में स्थिति आम दिनों की तरह है। धन्नीपुर वह गांव है, जहां बाबरी मस्जिद के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 5 एकड़ जमीन दी है। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 2, 2020 10:10 AM IST

अयोध्या. अयोध्या में 5 अगस्त को होने वाले राम मंदिर के भूमि पूजन की तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं। वहीं, यहां से करीब 25 किमी दूर लखनऊ हाईवे पर स्थित धन्नीपुर गांव में स्थिति आम दिनों की तरह है। धन्नीपुर वह गांव है, जहां बाबरी मस्जिद के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 5 एकड़ जमीन दी है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में विवादित जमीन का मालिकाना हक रामलला को दिया था। जबकि मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था। 

धन्नीपुर में कुल आबादी 4000 है। वहीं, इस गांव में करीब 1400 मुस्लिम रहते हैं। सरकार ने मस्जिद के लिए जो जमीन दी है, वह कृषि विभाग का फार्म हाउस है। यहां अभी धान की खेती की गई है। मस्जिद निर्माण को लेकर गांव में मिला जुला असर देखने को मिला। कुछ इस मस्जिद से गांव में विकास की उम्मीद लगाए बैठे हैं, तो कुछ का कहना है कि मस्जिद विवादित जगह पर ही बननी चाहिए थी। 


इस जमीन पर ही बनना है बाबरी मस्जिद, अभी यहां धान की खेती की जा रही है।

गांव में मस्जिद बनने से 90% मुस्लिम खुश
गांव के रहने वाले नईम खान ने एशियानेट से हुई खास बातचीत में बताया कि बाबरी मस्जिद बनने से गांव के 90 फीसदी लोगों में खुशी का माहौल है। गांव वालों का मानना है कि 500 साल से चले आ रहे इस विवाद का अंत तो हुआ। गांव वालों का मानना है कि यहां बाबरी मस्जिद बनने से विकास होगा। नईम खान ने कहा, राममंदिर-मस्जिद देश का सबसे पुराना और चर्चित विवाद रहा है, ऐसे में उम्मीद है कि मस्जिद देखने के लिए पर्यटकों का आना जाना होगा। 


गांव में पहले से 7 मस्जिदें हैं, यहां लोग नमाज पढ़ने के लिए जाते हैं।

'लोगों को मिलेगा रोजगार'
गांव के प्रधान राकेश यादव के मुताबिक, गांव की आबादी 4 हजार है। इसमें से करीब 35-40% मुस्लिम हैं। गांव में पहले से ही 7 और मस्जिदें मौजूद हैं। लेकिन बाबरी विवाद चर्चित रहा है। ऐसे में पर्यटकों की आवाजाही से गांव में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। साथ ही लोगों को रोजगार मिलेगा। 

'नहीं हुआ कोई विवाद' 
नहीम खान कहते हैं कि भले ही अयोध्या में बाहरी लोगों ने हिंसा फैलाई हो, लेकिन इसका असर यहां के हिन्दू-मुस्लिमों पर नहीं पड़ा। यहां सभी हिन्दू-मुस्लिम सदैव एक होकर भाई चारे से साथ रहे हैं। उन्होंने कहा, हमें खुशी है कि हमारे गांव में बाबरी मस्जिद बनेगी। इससे गांव पूरे देश में मशहूर होगा। 


अयोध्या से करीब 25 किमी दूर लखनऊ हाईवे पर धन्नीपुर गांव हैं।
 
मस्जिद बनाने में वक्फ बोर्ड भी नहीं दिखा रहा दिलचस्पी 
जहां एक ओर राम मंदिर के भूमि पूजन को लेकर देश दुनिया में चर्चा है। वहीं मस्जिद को लेकर अभी तक वक्फ बोर्ड ने भी सक्रियता नहीं दिखाई है। वक्फ बोर्ड के सदस्य भी अभी तक सिर्फ एक बार धन्नीपुर गांव पहुंचे हैं। 

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