GST Council 45वीं मीटिंग: पेट्रोल-डीजल को नहीं लाया जाएगा GST के दायरे में, वित्त मंत्री बोलीं-अभी सही समय नही

अगले साल उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने है। इसलिए माना जा रहा था कि केंद्र सरकार Petrol-Diesel को भी GST के दायरे में लाने का फैसला कर सकती है लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया है। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 17, 2021 3:27 PM IST / Updated: Sep 17 2021, 09:19 PM IST

लखनऊ। GST Council की 45वीं बैठक आज लखनऊ में हुई। इस मीटिंग में सबकी निगाहें पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के फैसले पर थी लेकिन केंद्र सरकार ने दो दिनों तक संशय बरकरार रखते हुए इसको फिलहाल नहीं लाने के निर्णय की जानकारी दी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निर्णयों की जानकारी दी है।

वित्तमंत्री ने बताया कि जीएसटी काउंसिल को लगा कि यह पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने का समय नहीं है। उन्होंने कहा कि अधिकतर राज्य इस विचार से सहमत हैं। 
हालांकि, तेल विपणन कंपनियों को डीजल में मिलाने के लिए आपूर्ति की जाने वाली बायोडीजल पर जीएसटी दर को 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। विशेष विकलांग व्यक्तियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले वाहनों के लिए रेट्रो फिटमेंट किट पर जीएसटी दरों को भी घटाकर 5% कर दिया गया है।

मीडिया से बात करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि कोरोना से जुड़ी दवाओं पर जीएसटी छूट जारी रहेगी। ये छूट 31 दिसंबर 2021 तक के लिए है।जीवन-रक्षक दवाओं पर भी जीएसटी छूट का फैसला लिया गया है। वित्त मंत्री ने बताया कि Zologensma और Viltetso दवाओं पर जीएसटी छूट दी गई है। ये दोनों बेहद जरूरी दवाएं हैं जिनकी कीमत करीब 16 करोड़ रुपए है। इसलिए जीएसटी काउंसिल ने इन 2 दवाओं के लिए जीएसटी से छूट देने का फैसला किया है। वहीं, मेडिकल इक्विपमेंट्स पर जीएसटी छूट नहीं दी गई है। 

चुनावों की वजह से थी लोगों को उम्मीद

अगले साल उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने है। इसलिए माना जा रहा था कि केंद्र सरकार Petrol-Diesel को भी GST के दायरे में लाने का फैसला कर सकती है लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया है। वैसे अगर ऐसा होता तो पेट्रोल 28 रुपए और डीजल 25 रुपए तक सस्ता हो सकता था। अभी पेट्रोल 110 और डीजल 100 रुपए प्रति लीटर के ऊपर चल रहा है। एक्सपर्ट पहले से ही मान रहे थे कि यह इतना आसान नहीं है, क्योंकि यह राज्य सरकारों की कमाई का एक बड़ा जरिया है। 

कोरोना महामारी के बाद GST काउंसिल की यह पहली फिजिकल बैठक हुई है। इससे पहले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये ही मीटिंग होती रही है। 

Share this article
click me!