6 साल की बच्ची के साथ निर्भया जैसी हैवानियत: नाकाम होने पर प्राइवेट पॉर्ट में डाला रॉड

Published : Dec 10, 2025, 08:23 AM IST
gujarat rajkot 6 year old girl rape attempt rod inserted accused arrested

सार

Child Abuse Gujarat News: गुजरात के राजकोट में 6 साल की मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी की दर्दनाक कहानी सामने आई। आरोपी ने क्यों किया इतना अजीबोगरीब हमला? बच्ची के गुप्तांग में रॉड डालने की सचाई क्या है? गिरफ्तारी में कौन है मुख्य संदिग्ध?

राजकोट। गुजरात के राजकोट जिले के अटकोट इलाके से एक दर्दनाक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां छह साल की मासूम बच्ची के साथ ऐसी दरिंदगी हुई, जैसी 2012 की निर्भया कांड में हुई थी। आरोपी ने बच्ची से दुष्कर्म करने की कोशिश की, लेकिन जब वह इसमें सफल नहीं हो सका, तब उसने बच्ची के प्राइवेट पॉर्ट में रॉड डाल दिया। यह घटना सभी के लिए सदमे का कारण बनी हुई है। इस घटना के बाद बच्ची की तबीयत काफी गंभीर बनी है और उसे राजकोट के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने इस खौफनाक कांड का खुलासा करने के लिए करीब 100 संदिग्धों से पूछताछ की। अंत में पुलिस ने 30 वर्षीय रामसिंह तेरसिंह को गिरफ्तार कर लिया है, जो मध्य प्रदेश के अलीराजपुर का रहने वाला है और अटकोट में राजमिस्त्री का काम करता है।

क्या है वो राज जो बच्ची ने खोला?

जब यह वारदात हुई, बच्ची अपने परिवार के साथ खेत में  थी। उसी दौरान एक अज्ञात व्यक्ति ने उसे उठा लिया और उसके साथ दुष्कर्म की कोशिश की। बच्ची ने जैसे ही चिल्लाने की कोशिश की, आरोपी ने भयंकर हमला करते हुए उसके प्राइवेट पॉर्ट में एक रॉड डाल दिया। पूरी घटना के बाद आरोपी वहां से फरार हो गया। परिवार ने बच्ची की तलाश शुरू की, तब वह पास ही खून से लतपथ मिली। बच्ची की हालत नाजुक थी, इसलिए उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया।  

पुलिस की तेज़ कार्रवाई: आरोपी के पीछे कैसे पहुंचे?

राजकोट पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत केस दर्ज करते हुए 10 टीमों का गठन किया और 100 से अधिक संदिग्धों से पूछताछ की। बच्ची को बाल विशेषज्ञ के सामने पेश किया गया, जहां उसने मुखिया आरोपी रामसिंह तेरसिंह को पहचान लिया। अपराधी राज्य बदलकर गुजरात में आया, यहां अटकोट में रहकर राजमिस्त्री का काम करता था। उसकी गिरफ्तारी से इलाके में थोड़ी राहत मिली है।

क्या है गुजरात के इस कांड में ‘निर्भया’ कांड जैसा?

2012 में दिल्ली में हुई निर्भया गैंगरेप घटना ने पूरे देश को सदमें में डाल दिया था। उस कांड में भी मासूम के साथ ऐसा ही निर्दयता का व्यवहार हुआ था, जिसमें आरोपियों ने उसकी जान ले ली। इस नए मामले में भले ही बच्ची की जान बचे, लेकिन वारदात की भयावहता किसी से छुपी नहीं है।

कैसे बचें मासूम बच्चों को ऐसे अपराधों से?

  • बच्चों को बचपन से ही जागरूक करें और उन्हें अपरिचित लोगों से दूर रहने की सलाह दें।
  • स्कूल व घर में खुलकर बात करने की संस्कृति विकसित करें।
  • समाज में बाल सुरक्षा के लिए ज्यादा संवेदनशील पहल होनी चाहिए।
  • पुलिस और प्रशासन को चाहिए कि वे ऐसे मामलों पर और तेज़ कार्रवाई करें।
  • हर व्यक्ति को समाज में सक्रिय रूप से मासूमों की रक्षा के लिए कदम उठाने चाहिए।

इस दुखद घटना ने फिर से ये सिखाया है कि हमारी मासूमियों की सुरक्षा अभी भी खतरे में है। हम सब की जिम्मेदारी है कि ऐसे अपराधों को जड़ से खत्म करने के लिए मिलकर काम करें।

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

IndiGo Crisis: कोलकाता से मुंबई तक रिव्यू-एविएशन सिस्टम में कौन-सी खामी हुई उजागर?
Rs 1.11 लाख से सीधे Rs 3.45 लाख: आखिर किस राज्य ने MLA की सैलरी बढ़ गई इतनी ज्यादा और क्यों?