
नई दिल्ली। इंडिगो फ्लाइट कैंसलेशन और ऑपरेशनल दिक्कतें पिछले एक हफ्ते से यात्रियों के लिए बड़ी परेशानी बनी हुई हैं। हजारों पैसेंजर फंसे, बैगेज डिले, लंबी लाइनों और एयरपोर्ट पर अफरातफरी—इन सबके बीच अब सिविल एविएशन मंत्रालय ने हालात को काबू में करने के लिए बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। सरकार को डर है कि अगर हालात जल्द नहीं सुधरे, तो देश के बड़े एयरपोर्ट दोबारा भारी संकट का सामना कर सकते हैं। इसी वजह से वरिष्ठ अधिकारी लगातार एयरपोर्ट का दौरा कर रहे हैं और इंडिगो से जवाब मांग रहे हैं। यही वजह है कि मंगलवार को मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी मधु सुदना शंकर मुंबई एयरपोर्ट पहुंचे और इंडिगो के स्टाफ से ऑपरेशन, कैंसलेशन और बैगेज कंजेशन पर विस्तृत बातचीत की। यह कदम दिखाता है कि सरकार हालात को बेहद गंभीरता से देख रही है।
इंडिगो अधिकारियों ने मंत्रालय को बताया कि करीब 780 यात्रियों का बैगेज अभी भी पेंडिंग है और इसका 90 प्रतिशत बुधवार सुबह तक क्लियर होने की उम्मीद है। इंडिगो ने यह भी बताया कि वह हर छह घंटे में पैसेंजर को कैंसलेशन अपडेट भेज रही है। लेकिन बहुत से यात्रियों का कहना है कि उन्हें रियल-टाइम जानकारी नहीं मिल रही। इसलिए अब मंत्रालय एयरलाइन से सख्त मॉनिटरिंग की तैयारी कर रहा है।
मुंबई का छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट स्पेस क्रंच के लिए पहले से ही जाना जाता है। अधिकारी ने बताया कि ATC और एयरपोर्ट मैनेजमेंट ने मिलकर लगभग 25 ग्राउंडेड एयरक्राफ्ट के लिए अतिरिक्त जगह निकाली है। यह दिखाता है कि हालात काफी तनावपूर्ण हैं। इसके साथ ही पेसेजर्स के लिए खाना, पानी, बैठने की व्यवस्था, मेडिकल हेल्प, PRM सहायता जैसे जरूरी इंतजाम करने के आदेश दे दिए गए हैं। CSMIA में CISF की तैनाती और यात्रियों को गाइड करने में उनकी भूमिका को भी मंत्रालय ने सराहा है।
मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (MIAL) को अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड (AAHL) मैनेज करता है, जिसके पास 74% हिस्सेदारी है। पीपीपी मॉडल पर चल रहे इस एयरपोर्ट से उम्मीद है कि वह बढ़ते प्रेशर को संभालने में तेजी से काम करेगा। लेकिन जैसे-जैसे फ्लाइट कैंसलेशन बढ़ रहे हैं, यह देखना दिलचस्प होगा कि अडानी मैनेजमेंट कितनी जल्दी स्थिति सामान्य करता है?
मुंबई के साथ-साथ कोलकाता एयरपोर्ट पर भी मंत्रालय की टीम ने हालात का जायजा लिया। MoCA की डायरेक्टर तन्वी सुंदरियाल ने कोलकाता एयरपोर्ट पहुंचकर फ्लाइट ऑपरेशन, पैसेंजर सर्विस और इंडिगो के ऑपरेशनल संकट की वजहों की समीक्षा की। उनका फोकस था कि किसी भी हाल में यात्रियों की सुविधा प्रभावित न हो।
मंत्रालय की त्वरित कार्रवाई के बावजूद यह चिंता बनी हुई है कि क्या इंडिगो अपनी हजारों यात्रियों की मुश्किलें जल्द खत्म कर पाएगा? या फिर आने वाले दिनों में यह संकट और भी गहरा सकता है? सरकार, एयरपोर्ट मैनेजमेंट और इंडिगो-तीनों की सामूहिक कोशिश ही इस ऑपरेशनल क्राइसिस को नियंत्रित कर सकती है।