
भुवनेश्वर। ओडिशा में MLA की सैलरी को लेकर मंगलवार को एक बड़ा फैसला हुआ। राज्य विधानसभा ने एक ही दिन में चार बड़े बिल पास करके MLA, मुख्यमंत्री, मंत्रियों और पूर्व विधायकों की सैलरी को लगभग तीन गुना तक बढ़ा दिया। पहले जहां एक आम MLA को करीब 1.11 लाख रुपए महीना मिलता था, अब यह बढ़कर 3.45 लाख रुपए हो गया है। यह पूरे देश में सबसे ज्यादा मिलने वाले पैकेजों में गिना जाने लगा है। लेकिन सवाल यह है कि आखिर इतनी बड़ी बढ़ोतरी क्यों की गई? क्या इसके पीछे MLA की “पुरानी मांग”, बढ़ती जिम्मेदारियां या कोई छिपी राजनीतिक रणनीति काम कर रही है? यही वजह है कि यह फैसला लोगों में चर्चा का विषय बन गया है।
सरकार का कहना है कि यह बदलाव मौजूदा आर्थिक स्थिति और जनप्रतिनिधियों की बढ़ती जिम्मेदारियों को ध्यान में रखते हुए किया गया है। संसदीय कार्य मंत्री मुकेश महालिंग ने बताया कि यह बढ़ोतरी जून 2024 से लागू मानी जाएगी, यानी पिछली विधानसभा बनने के समय से। सभी पार्टियों ने इस बिल को एकमत से पास किया, और हर MLA ने इसे जरूरत का फैसला बताया।
नए बदलाव के बाद MLA को मिलने वाला पूरा पैकेज इस तरह है:
इन सबको जोड़ने पर कुल पैकेज 3,45,000 रुपए महीना बनता है।
MLA का कहना है कि 2007 से वे लगातार सैलरी बढ़ाने की मांग कर रहे थे। उनका तर्क है कि
पूर्व विधायकों का भी पूरा पैकेज बदल दिया गया है।
इसके अलावा हर टर्म पर 3,000 रुपए अतिरिक्त पेंशन मिलेगी।
इसके अलावा, एक प्रोविजन ऐसा भी है जो सरकार को ऑर्डिनेंस के जरिए भविष्य में सैलरी बढ़ाने की अनुमति देता है, यानी इसके लिए नया बिल लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
हां। बिल में एक बड़ा बदलाव यह भी है कि अगर किसी मौजूदा MLA की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को सरकार Rs 25 लाख की आर्थिक मदद देगी।
सभी पार्टियों ने इन चारों बिलों का समर्थन किया, जो यह दिखाता है कि राजनीतिक सहमति इस मुद्दे पर पूरी तरह थी। MLAs का कहना है कि उनकी जिम्मेदारियां बढ़ी हैं और आर्थिक परिस्थितियों में भी काफी बदलाव हुआ है, इसलिए सैलरी का रिव्यू जरूरी हो गया था। वहीं, अपोज़िशन की चीफ व्हिप प्रमिला मलिक के अनुसार, “पेंशन बढ़ोतरी बूढ़े और बीमारी से जूझ रहे पूर्व MLAs के लिए राहत का काम करेगी।”