बिलकिस बानो केस में सजा सुनाने वाले जज ने कह दी बड़ी बात, 11 गुनहगारों की रिहाई पर खड़े किए सवाल

जस्टिस साल्वी ने सवाल किया कि क्या उन्होंने उस जज से पूछा जिसके तहत मामले की सुनवाई हुई? मैं आपको बता सकता हूं कि मैंने इस बारे में कुछ नहीं सुना। इस मामले की जांच सीबीआई ने की थी। ऐसे मामलों में राज्य सरकार को केंद्र सरकार से भी सलाह लेने की जरूरत है। क्या वे ऐसा करते हैं? मुझे नहीं पता। अगर उन्होंने किया, तो केंद्र सरकार ने क्या कहा?

Dheerendra Gopal | Published : Aug 23, 2022 1:13 PM IST / Updated: Aug 23 2022, 09:01 PM IST

मुंबई। गुजरात दंगों (Gujarat riots) में जीवित बची बिलकिस बानो (Bilkis Bano) के साथ गैंगरेप व परिजन की हत्या के आरोपियों की रिहाई पर हर ओर ऐतराज जताया जा रहा है। बिलकिस बानो के केस में फैसला देने वाले जज ने भी गुनहगारों की रिहाई को न्याय के खिलाफ बताया है। रिटायर्ड जस्टिस यूडी साल्वी (Retd.Justice UD Salvi) ने कहा कि बिलकिस बानो के गुनहगारों की रिहाई का फैसला उचित नहीं है, इस पर फिर से विचार होना चाहिए।

करीब 14 साल पहले बांबे हाईकोर्ट (Bombay High court) में जज रहते हुए यूडी साल्वी ने गुजरात दंगों की पीड़िता बिलकिस बानो के गैंगरेप व उनके सात परिजन की हत्या संबंधित मामले में सुनवाई करते हुए 11 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। लेकिन बीते दिनों बिलकिस बानो केस में सजा पाए 11 लोगों की रिहाई गोधरा जेल से हो गई थी। स्वतंत्रता दिवस पर रिहाई के दौरान गुनहगारों का स्वागत-सम्मान व मिठाई खिलाते फोटो वायरल हुआ था। गैंगरेप के आरोपियों की रिहाई के बाद पूरे देश में आलोचनात्मक प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई थी।

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क्या कहा फैसला सुनाने वाले न्यायाधीश ने?

गुजरात दंगों में हुए बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप के आरोपियों को सजा सुनाने वाले तत्कालीन जज यूडी साल्वी ने कहा कि हत्या व गैंगरेप के उन 11 आरोपियों को रिहा नहीं किया जाना चाहिए था। जिसने भी यह फैसला लिया है, उसे इस पर फिर से विचार करना चाहिए। मैं बस इतना ही कह सकता हूं। उन्होंने कहा कि यह मामला हर प्रक्रिया से गुजरा है। हम सभी जानते हैं कि इन 11 दोषियों को तमाम सबूतों के बाद उम्रकैद की सजा मिली। अब सरकार ने बाद में क्या सोचा, यह एक सवाल है। लेकिन इस पर पुनर्विचार भी कोर्ट ही कर सकता है। रिटायर्ड जस्टिस साल्वी ने कहा कि सरकार के पास छूट देने की शक्ति है लेकिन उसे कोई भी निर्णय लेने से पहले हर पहलू के बारे में सोचना चाहिए अन्यथा यह सही नहीं है। मुझे नहीं पता कि उन्होंने इस प्रक्रिया को अपनाया या नहीं।

जस्टिस साल्वी ने सवाल किया कि क्या उन्होंने उस जज से पूछा जिसके तहत मामले की सुनवाई हुई? मैं आपको बता सकता हूं कि मैंने इस बारे में कुछ नहीं सुना। इस मामले की जांच सीबीआई ने की थी। ऐसे मामलों में राज्य सरकार को केंद्र सरकार से भी सलाह लेने की जरूरत है। क्या वे ऐसा करते हैं? मुझे नहीं पता। अगर उन्होंने किया, तो केंद्र सरकार ने क्या कहा?

केवल ब्राह्मण होने के नाते स्वागत करना गलत

न्यायाधीश ने कहा कि सत्ताधारी दल के विधायक का यह कहना कि वह अच्छे संस्कार वाले ब्राह्मण हैं, गलत है। इन 11 दोषियों का स्वागत करना सही नहीं है। कुछ को लगता है कि यह हिंदुत्व का हिस्सा है या उन्होंने इसे हिंदू के रूप में किया है। यह गलत है। कुछ लोग कह रहे हैं कि वे ब्राह्मण हैं। यह कहना सही नहीं है।

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