गुजरात में ठप हुआ सरकारी कामकाज: इस वजह से हजारों सरकारी कर्मचारी-शिक्षक सामूहिक अवकाश पर

राज्य में पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के लिए आंदोलित कर्मचारियों ने जिलेवार रैलियां निकाली और अपनी मांगों के लिए प्रदर्शन किया। राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा ने बताया कि सामूहिक सीएल अवकाश लेकर आंदोलन करने वालों में केवल शिक्षक ही शामिल नहीं हैं बल्कि पंचायत स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और राजस्व कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले संघ भी इसका हिस्सा हैं।
 

Dheerendra Gopal | Published : Sep 17, 2022 11:00 AM IST / Updated: Sep 17 2022, 04:47 PM IST

Gujarat employees on mass casual leave:गुजरात सरकार के हजारों कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के लिए आरपार की लड़ाई छेड़ दी है। राज्य के स्कूली शिक्षकों सहित सरकार के विभिन्न विभागों में कार्यरत हजारों कर्मचारियों ने अपनी मांगों को सरकार के सामने रखते हुए शनिवार को एक साथ अवकाश का ऐलान कर दिया। कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश पर चले जाने से राज्य में सरकारी कामकाज पूरी तरह से ठप रहा। हालांकि, एक दिन पहले कर्मचारी संगठनों के संयुक्त मोर्चा ने आंदोलन को वापस लेने का ऐलान कर दिया था। लेकिन जिलास्तर पर यूनियन्स ने केंद्रीय नेतृत्व की बातों को खारिज करते हुए यह साफ किया कि मुख्य मांग ओपीएस पर सरकार ने अभी तक विचार ही नहीं किया तो आंदोलन वापस करने का सवाल ही नहीं।

यूनियनों ने कहा-ओपीएस ही हमारी प्रमुख मांग

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आंदोलन कर रहे राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा सौराष्ट्र क्षेत्र के संयोजक महेश मोरी ने कहा कि राज्य में कर्मचारियों व शिक्षकों की मुख्य मांग पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली है। हम लगातार अपनी मांग को दोहरा रहे हैं लेकिन चेतावनी के बाद भी शुक्रवार को सरकार ने उनकी मांगों पर विचार तक नहीं किया। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन योजना राज्य के हर कर्मचारी का हक है। सरकार ने हम सबका हक छीन लिया है। हम अपने हक के लिए लड़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने बताया कि सभी कर्मचारी शनिवार को सीएल अवकाश लेकर आंदोलन कर रहे हैं, जरुरत पड़ी तो बेमियादी छुट्टी भी लेने से परहेज नहीं करेंगे।

हर जिले में शिक्षक-कर्मचारियों ने मोर्चा निकाला

राज्य में पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के लिए आंदोलित कर्मचारियों ने जिलेवार रैलियां निकाली और अपनी मांगों के लिए प्रदर्शन किया। राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा ने बताया कि भावनगर जिले में 7000 सरकारी शिक्षक छुट्टी पर थे। सामूहिक सीएल अवकाश लेकर आंदोलन करने वालों में केवल शिक्षक ही शामिल नहीं हैं बल्कि पंचायत स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और राजस्व कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले संघ भी इसका हिस्सा हैं।

इन जिलों में हुए जोरदार प्रदर्शन

राज्य के गांधीनगर में बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर पुराने सचिवालय परिसर में रैली निकाली और कार्य का बहिष्कार किया। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने अपने संघ पर भी आरोप लगाया। प्रदर्शन कर रहे एक कर्मचारी ने बताया कि वह लोग ओपीएस के लिए आंदोलन कर रहे हैं। एक दिन पहले हमारे संघ ने यह कहते हुए हड़ताल वापस ले ली थी कि उनकी सभी मांगे पूरी हो चुकी है लेकिन हम सबकी असली मांग तो ओपीएस है जिस पर सरकार ने विचार ही नहीं किया। गांधीनगर की तरह कच्छ में भी 8 हजार से अधिक कर्मचारी, शिक्षकों ने विरोध दर्ज कराते हुए सामूहिक अवकाश पर जाने के फैसले पर अमल किया।

क्या है मामला?

गुजरात के कर्मचारी व शिक्षक संगठनों ने ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने की मांग के लिए आंदोलन का ऐलान किया था। शनिवार को सभी कर्मचारी सामूहिक सीएल अवकाश पर रहने का फैसला किए थे। लेकिन शुक्रवार को संयुक्त कर्मचारी मोर्चा, राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों के साथ बीजेपी सरकार के पांच मंत्रियों की मीटिंग हुई। मीटिंग के बाद संयुक्त कर्मचारी मोर्चा के अध्यक्ष दिग्विजयसिंह जडेजा और राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष भीखाभाई पटेल ने आंदोलन खत्म करने का ऐलान कर दिया था। इन लोगों ने कहा कि सरकार ने उनकी हर मांग को मान ली है। लेकिन शनिवार को कर्मचारियों व शिक्षकों ने अपने संगठन के ऐलान को खारिज करते हुए हड़ताल पर जाने का फैसला किया। कर्मचारियों का कहना था कि ओपीएस उनकी प्रमुख मांग थी और इस पर सरकार ने विचार तक नहीं किया है। 
 

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