गुरुग्राम में खुले में नमाज पढ़ने पर रोक, जिला प्रशासन ने 8 जगहों पर परमिशन रद्द की

नागरिक एकता मंच के पदाधिकारियों का कहना है कि जिन जगहों पर जुमे की नमाज अदा की जाती है, वहां इससे किसी भी तरह की रुकावट पैदा नहीं होती। 

Asianet News Hindi | Published : Nov 3, 2021 9:24 AM IST / Updated: Nov 03 2021, 05:57 PM IST

गुरुग्राम। देश की राजधानी से सटे गुरुग्राम (Gurugram) में खुले में नमाज (Namaz) पढ़ने पर रोक लगा दी गई है। जिला प्रशासन ने आठ जगहों पर खुले में नमाज के लिए दिए गए परमिशन को रद्द कर दिया है। स्थानीय प्रशासन ने एक कमेटी का भी गठन किया है जो खुले में नमाज पढ़े जाने वाले स्थानों को चिंहित करेगी। अब किसी भी सार्वजनिक जगहों पर या खुले में नमाज पढ़ने के लिए अनुमति लेना जरुरी होगा। बता दें कि उत्तराखंड में कुछ दिनों पहले ही गृहमंत्री अमित शाह ने खुले में नमाज पढ़ने का जिक्र करते हुए इसकी आलोचना की थी।

हिंदूवादी संगठन करते आ रहे हैं इसका विरोध

खुले में नमाज पढ़ने का काफी समय से हिंदूवादी संगठन विरोध करते आ रहे हैं। ये लोग जिला प्रशासन को कई बार लिखित में भी शिकायत कर चुके हैं।

नागरिक एकता मंच ने कहा-भाईचारा कायम रहे

नागरिक एकता मंच के पदाधिकारियों का कहना है कि जिन जगहों पर जुमे की नमाज अदा की जाती है, वहां इससे किसी भी तरह की रुकावट पैदा नहीं होती। संविधान में शांति से किसी भी धर्म के लोगों को अपनी धार्मिक गतिविधियों को जारी रखने का अधिकार है। भाईचारा कायम रहे इसलिए वे आम सहमति से ही नमाज अदा करते आए हैं।

प्रशासन ने कहा स्थानीय विरोध के चलते परमिशन रद्द

गुरुग्राम में आठ जगहों पर खुले में नमाज पढ़ने के परमिशन को रद्द करने के मामले में गुरुग्राम जिला प्रशासन ने कहा कि स्थानीय लोगों और आरडब्ल्यूए के विरोध के चलते मंगलवार को शहर में 8 स्थानों की परमिशन रद्द कर दी है, जहां खुले में नमाज पढ़ी जाती थी। पुलिस के अनुसार अगर अन्य जगहों से भी लोगों की आपत्ति आती है तो वहां भी रोक लगाई जाएगी। 

कमेटी की गई गठित

DC यश गर्ग ने नमाज अदा करने के स्थानों की पहचान करने के लिए एक समिति गठित की है। समिति में एसडीएम, एससीपी के अलावा हिंदू और मुस्लिम संगठनों के सदस्य और अन्य सामाजिक संगठन शामिल किए हैं। कमेटी यह तय करेगी कि किसी भी सड़क या सार्वजनिक स्थानों पर नमाज अदा न की जाए।

अब नमाज के लिए परमिशन जरुरी

गुरुग्राम पुलिस के प्रवक्ता सुभाष बोकेन ने बताया कि नमाज किसी भी ईदगाह, मस्जिद या अपनी जगह पर ही अदा की जा सकती है। इसके अलावा किसी भी सार्वजनिक और खुले स्थान पर नमाज के लिए प्रशासन से सहमति जरूरी होगी। 

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