कोरोना के बाद अब एक और वायरस से कर्नाटक में फैला खौफ, H3N2 से हुई पहली मौत

कर्नाटक के हासन में H3N2 वायरस की चपेट में आने से 85 साल के वृद्ध की मौत हो गई है। H3N2 से हुई यह पहली मौत है। यह इन्फ्लुएंजा वायरस है। इसमें बुखार, खांसी और गले में खराश जैसे लक्षण दिखते हैं।

 

बेंगलुरु। कोरोना के बाद कर्नाटक में एक और वायरस से खौफ फैला हुआ है। इस वायरस का नाम H3N2 (H3N2 Influenza Virus) है। यह इन्फ्लुएंजा वायरस है। H3N2 से हासन में एक वृद्ध की मौत हो गई है। यह इस वायरस से हुई पहली मौत है। मृतक की उम्र 85 साल थी। उन्हें बुखार, ठंड लगने और गले की समस्या थी।

हासन जिले में H3N2 वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ा है। H3N2 संक्रमण के लक्षण वाले 50 से अधिक मामले सामने आए हैं, जिनमें से 6 लोगों में H3N2 संक्रमण की पुष्टि हुई है। संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। खासतौर पर 60 साल से अधिक उम्र के लोगों की सेहत पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है।

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मृतक ने नहीं कराया था इलाज
कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग के कमिश्नर रणदीप ने H3N2 से हुई पहली मौत की ऑडिट कराने की सलाह दी है। रणदीप ने कहा कि मृतक ने इलाज नहीं कराया था। उन्हें डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए थी। हासन जिले के अलूर में रहने वाले वृद्ध की मौत 1 मार्च को हुई थी। वह खांसी और गले में खराश से पीड़ित थे।

गांव के लोगों के थ्रोट स्वैब भेजे गए लैब
एहतियात के तौर पर मृत व्यक्ति के गांव और आसपास के गांव के लोगों की स्वास्थ्य जांच की जा रही है। डॉक्टरों की एक टीम बीमार लोगों की जांच कर रही है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शिवास्वामी ने बताया है कि गांव के सभी लोगों के स्वास्थ्य की जांच की गई है। उनके थ्रोट स्वैब को जांच के लिए लैब भेजा गया है।

कोरोना महामारी के बाद इन्फ्लुएंजा वायरस की इस उप-प्रजाति ने चिंता बढ़ा दी है। कर्नाटक के विभिन्न जिलों में H3N2 वायरस का संक्रमण बढ़ा है। हासन जिले में हुई पहली बात से लोगों में डर फैल गया है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. के सुधाकर के इस संबंध में हाई लेवल बैठक की है। इसके बाद सरकार द्वारा संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए गाइडलाइन जारी किया गया है।

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5-7 दिन तक रहता है संक्रमण
गौरतलब है कि H3N2 वायरस का संक्रमण कम से कम 5 से 7 दिनों तक रहता है। गर्भवती महिलाओं, बच्चों और वृद्ध लोगों में संक्रमण फैलने का अधिक खतरा रहता है। राज्य सरकार ने गाइडलाइन में बताया है कि गर्भवती महिलाएं, बच्चे और वृद्ध H3N2 वायरस के संक्रमण से बचने के लिए अधिक सावधानी बरतें।

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