Hamid Ansari फिर विवादों में : ISI से जुड़ी संस्‍था के कार्यक्रम में भारत की आलोचना, कहा - असहिष्णुता बढ़ी

भारत के पूर्व उपराष्‍ट्रपति हामिद अंसारी (Hamid Ansari) एक बार फिर विवादों में हैं। पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI)से जुड़ी संस्‍था के एक कार्यक्रम में हामिद अंसारी ने भारत के लोकतंत्र की आलोचना की। उन्होंने कहा कि भारत अपने संवैधानिक मूल्‍यों से दूर जा रहा है। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 27, 2022 8:17 AM IST / Updated: Jan 27 2022, 01:49 PM IST

वॉशिंगटन। भारत के पूर्व उपराष्‍ट्रपति हामिद अंसारी (Hamid Ansari) एक बार फिर अपने बयान को लेकर विवादों में हैं। पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI)से जुड़ी संस्‍था के एक कार्यक्रम में हामिद अंसारी ने भारत के लोकतंत्र की आलोचना की। उन्होंने कहा कि भारत अपने संवैधानिक मूल्‍यों से दूर जा रहा है। यह बात उन्होंने गणतंत्र दिवस पर इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल की ओर से आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम में कही। 

वर्तमान चुनावी बहुमत धार्मिक बहुमत के रूप में पेश कर रहे 
अंसारी ने कहा - हाल के वर्षों में नागरिक राष्‍ट्रवाद के खिलाफ ट्रेंड उभरकर सामने आए हैं। असहिष्णुता बढ़ रही है। उन्होंने बिना नाम लिए भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि ये लोग वर्तमान चुनावी बहुमत को धार्मिक बहुमत के रूप में पेश करते हैं और राजनीतिक शक्ति पर एकाधिकार करना चाहते हैं। ऐसे लोग चाहते हैं कि नागरिकों को उनकी आस्‍था के आधार पर अलग-अलग कर दिया जाए और असुरक्षा को बढ़ावा दिया जाए। ऐसे ट्रेंड्स को राजनीतिक और कानूनी रूप से चुनौती द‍िए जाने की जरूरत है। 

नकवी का पलटवार, कहा - देश की आलोचना की साजिश हो रही 
हामिद अंसारी के इस बयान पर भाजपा नेता और अल्‍पसंख्‍यक मामलों के मंत्री मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने करारा हमला किया है। उन्हाोंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना करने का पागलपन अब भारत की आलोचना करने की साजिश में बदल गया है। जो लोग अल्‍पसंख्‍यकों के वोट का शोषण करते थे, वे अब देश के सकारात्‍मक माहौल से चिंतित हैं।

17 अमेरिकी संगठनों ने कराया आयोजन 
जिस कार्यक्रम में अंसारी ने भारत के खिलाफ टिप्पणी की, उसका आयोजन 17 अमेरिकी संगठनों ने कराया था। इसमें भारतीय अमेरिकी मुस्लिम काउंसिल भी शामिल है। त्रिपुरा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए अपने शपथपत्र में आरोप लगाया था कि इस समूह के आईएसआई (ISI)और अन्‍य उग्रवादी गुटों के साथ लिंक हैं। उधर, काउंसिल ने त्रिपुरा सरकार के इस दावे को खारिज किया था और कहा था कि वे एक अमेरिकी नागरिक अधिकार संगठन हैं।

अमेरिकी सांसदों ने भी की भारत की आलोचना
चर्चा में तीन अमेरिकी सांसदों जिम मैकगवर्न, एंडी लेविन और जेमी रस्किन ने भी हिस्सा लिया। रस्किन ने कहा- भारत में धार्मिक अधिनायकवाद और भेदभाव के मुद्दे पर बहुत समस्याएं हैं। अफसोस है कि आज दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र पतन, मानवाधिकारों का हनन और धार्मिक राष्ट्रवाद को उभरते देख रहा है। 2014 के बाद से भारत लोकतंत्र सूचकांक में 27 से गिरकर 53 पर आ गया है और ‘फ्रीडम हाउस’ ने भारत को ‘स्वतंत्र’ से ‘आंशिक रूप से स्वतंत्र’ श्रेणी में डाल दिया है।’ सीनेटर एड मार्के ने कहा- एक ऐसा माहौल बना है, जहां भेदभाव और हिंसा जड़ पकड़ सकती है। हाल के वर्षों में हमने ऑनलाइन नफरत भरे भाषणों और नफरती कृत्यों में वृद्धि देखी है। 

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