हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी का बड़ा दांव: नायब सिंह सैनी को आगे कर एक तीर से दो शिकार...

Published : Jun 30, 2024, 04:00 PM IST
Nayab Singh Saini

सार

सैनी के चेहरे पर चुनाव मैदान में उतने का फैसला करने वाली बीजेपी ने ओबीसी को साधने की कोशिश की है। यही नहीं बीजेपी ने इस बार चौटाला परिवार से भी चुनाव पूर्व दूरी बनाने का निर्णय लिया है। 

Haryana Assembly Election: लोकसभा चुनाव 2024 में अकेले अपने दम पर बहुमत से दूर रही बीजेपी ने आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए काफी सोच-समझ कर आगे बढ़ने का निर्णय लिया है। इस साल होने वाले हरियाणा चुनाव में बीजेपी ने वर्तमान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में खेलने का फैसला लिया है। दरअसल, सैनी के चेहरे पर चुनाव मैदान में उतने का फैसला करने वाली बीजेपी ने ओबीसी को साधने की कोशिश की है। यही नहीं बीजेपी ने इस बार चौटाला परिवार से भी चुनाव पूर्व दूरी बनाने का निर्णय लिया है।

2014 से मुख्यमंत्री रहे खट्टर को हटाकर सैनी बनाए गए थे सीएम

लोकसभा चुनाव के पहले ही मनोहर लाल खट्टर को हटाकर बीजेपी ने हरियाणा सरकार की कमान नायब सिंह सैनी को सौंपी थी। पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर, करनाल से सांसद चुने जाने के बाद मोदी सरकार में मंत्री बनाए गए हैं। मनोहर लाल खट्टर, साल 2014 में पहली बार बीजेपी सरकार के मुख्यमंत्री बने थे। वह लगातार दो बार मुख्यमंत्री रहे लेकिन दूसरा कार्यकाल पूरा होने के कुछ महीनों पहले ही खट्टर को हटाकर नायब सिंह सैनी को कमान सौंपी गई थी।

जेजेपी के साथ था समझौता

भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा में जेजेपी यानी जननायक जनता पार्टी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाया था। इस गठबंधन सरकार में जेजेपी प्रमुख दुष्यंत चौटाला को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था। लेकिन अब जेजेपी, सरकार से अलग हो चुकी है। दुष्यंत चौटाला ने लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर हुए विवाद के बाद समर्थन वापस ले लिया था। जेजेपी, सैनी के मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद समर्थन वापस लिया था।

क्यों नायब सिंह पर जताया भरोसा?

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को सामने करके भारतीय जनता पार्टी ने दो मोर्चे पर साधने की कोशिश की है। पहला की 2014 से मुख्यमंत्री पद संभालने वाले मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ मतदाताओं का गुस्सा शांत होगा जिससे बीजेपी अपने नुकसान की भरपाई कर पाएगी। एंटी-इन्कम्बेंसी वोट कम होगा। दूसरा यह कि नायब सिंह सैनी को कमान देने पर ओबीसी में बड़ा संदेश जाएगा। 54 वर्षीय सैनी ओबीसी या अन्य पिछड़ा वर्ग समुदाय के भीतर एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के पहले नायब सिंह सैनी, लोकसभा सांसद थे।

पार्टी के राज्य कार्यकारिणी में भी अमित शाह ने किया दावा

पंचकूला में पार्टी की विस्तारित राज्य कार्यकारिणी की बैठक के बाद भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अमित शाह ने साफ किया था कि वह किसी के साथ गठबंधन नहीं करने जा रहे हैं। शाह ने कहा: अपने मन से सभी संदेह निकाल दीजिए, हम किसी के साथ आगामी चुनावों के लिए गठबंधन में नहीं जाएंगे। हमें किसी बैसाखी की जरूरत नहीं है। हम पूर्ण बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बनाएंगे। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में हरियाणा में मतदाताओं का विश्वास अर्जित करेंगे।

लोकसभा में बीजेपी का प्रदर्शन हुआ खराब

लोकसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन हरियाणा में कुछ खास नहीं रहा। राज्य की दस लोकसभा सीटों में 5 पर ही बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। जबकि 2019 में भारतीय जनता पार्टी ने सभी 10 सीटों पर विजय पताका फहराया था। महाराष्ट्र और झारखंड के साथ हरियाणा में विधानसभा चुनाव इसी साल होने है।

यह भी पढ़ें:

3 दिनों में गिरी तीन एयरपोर्ट्स की छत: जयराम रमेश ने साधा निशाना-क्या एयरपोर्ट्स प्रधानमंत्री चंदा दो धंधा लो योजना से बनाए गए?

PREV

Recommended Stories

Indigo: इंडिगो ने रिफंड किए 610 करोड़, 6 दिन में ट्रैक पर लौटीं 1650 फ्लाइट्स
मुस्लिम विधायक हुमायूं कबीर ने खाई कसम, नई पार्टी बना ममता को करेंगे सत्ता से बेदखल