राज्य सरकार ने फैसला किया है कि 2030 तक हरियाणा राज्य परिवहन अपने बसों या वाहनों को शत प्रतिशत इलेक्ट्रिक गाड़ियों में तब्दील कर देगा। गुरुग्राम और फरीदाबाद शहरों को मॉडल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मॉड्यूल शहरों के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया है।
Haryana Govt 50% VAT rebate to Industrialists: हरियाणा सरकार ने राज्य में प्रदूषण को कम करने के लिए नई स्कीम लाने के साथ ही उद्योगपतियों के लिए बड़ा ऐलान किया है। राज्य सरकार ने ऐलान किया है कि औद्योगिक इकाइयां अगर अपनी उर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डीजल जनरेटर सेट की जगह पर प्राकृतिक उर्जा स्रोत का इस्तेमाल करेंगे तो उनको वैट में पचास प्रतिशत की छूट दी जाएगी। कोई भी इंडस्ट्रियलिस्ट इस योजना का लाभ दो साल तक उठा सकता है। राज्य सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए यह अनोखी स्कीम शुरू की है जो उद्योगपतियों के लिए भी काफी लाभकारी साबित होगी।
किस-किस तरह के उद्योगों पर लागू होगी योजना
हरियाणा सरकार ने बताया कि प्राकृतिक उर्जा का इस्तेमाल करने वाली इकाईयों के लिए 50 प्रतिशत वैट में छूट की योजना सभी प्रकार के उद्योगों पर लागू किया जाएगा। यह योजना सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) सहित पूरे उद्योगों पर लागू होगी। यह योजना इसकी अधिसूचना की तारीख से दो साल तक प्रभावी रहेगी। शनिवार को सीएम मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में स्थायी वित्त समिति की मीटिंग हुई। इस मीटिंग में यह निर्णय लिया गया। मीटिंग में उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी मौजूद रहे। दरअसल, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में डीजल से चलने वाले जनरेटर्स के उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का फैसला हुआ है। ऐसे में एनसीआर में उद्योगों को सीएनजी, पीएनजी पर उर्जा की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए निर्भर रहना होगा। उद्योगों को किसी प्रकार का नुकसान या परेशानी न हो इसके लिए राज्य सरकार ने वैट में 50 परसेंट छूट का ऐलान किया है।
इलेक्ट्रिक वाहनों को भी सब्सिडी देने का ऐलान
समिति ने हरियाणा इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति 2022 के तहत इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण कंपनियों को प्रति वर्ष 164.66 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने को भी मंजूरी दी है। ईवी नीति का उद्देश्य पर्यावरण की रक्षा करना, कार्बन फुटप्रिंट को कम करना, राज्य को ईवी मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना, ईवी क्षेत्र में कौशल विकास सुनिश्चित करना, ईवी वाहनों को बढ़ावा देना और ईवी तकनीक में अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहित करना है। नीति, ईवी निर्माताओं को निश्चित पूंजी निवेश (एफसीआई), शुद्ध एसजीएसटी, स्टांप शुल्क आदि पर प्रोत्साहन देकर विभिन्न वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करती है। राज्य सरकार ने फैसला किया है कि 2030 तक हरियाणा राज्य परिवहन अपने बसों या वाहनों को शत प्रतिशत इलेक्ट्रिक गाड़ियों में तब्दील कर देगा। गुरुग्राम और फरीदाबाद शहरों को मॉडल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मॉड्यूल शहरों के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया है।
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