बंद कमरे में सुनवाई, HC पुलिस की कार्रवाई से नाराज, 2 नवंबर को अगली सुनवाई, जानें कोर्ट में क्या-क्या हुआ?

यूपी के हाथरस जिले में कथित गैंगरेप केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में करीब 2 घंटे की सुनवाई हुई। दोपहर 2.15 बजे से शुरू हुई सुनवाई 4.30 बजे खत्म हुई। कोर्ट ने सबसे  पीड़ित परिवार का पक्ष जाना। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 2 नवंबर की तारीख दी है। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 12, 2020 11:00 AM IST / Updated: Oct 12 2020, 05:03 PM IST

नई दिल्ली/लखनऊ. यूपी के हाथरस जिले में कथित गैंगरेप केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में करीब 2 घंटे की सुनवाई हुई। दोपहर 2.15 बजे से शुरू हुई सुनवाई 4.30 बजे खत्म हुई। कोर्ट ने सबसे  पीड़ित परिवार का पक्ष जाना। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 2 नवंबर की तारीख दी है।  

हाथरस मामले में यूपी सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले  वीके शाही ने बताया, कोर्ट ने पीड़ित परिवार के लोगों से पूछताछ की है। हमारे उच्च अधिकारियों से भी कोर्ट ने पूछताछ की है। मामला अभी विचाराधीन है। मामले में अगली तारीख 2 नवंबर है। वहीं पीड़ित परिवार के वकील सीमा कुशवाहा ने बताया, पीड़ित परिवार ने मांग की है कि सीबीआई की रिपोर्टों को गोपनीय रखा जाए। हमने यह भी प्रार्थना की थी कि मामला यूपी से बाहर स्थानांतरित कर दिया जाए। तीसरी मांग यह है कि मामले को पूरी तरह से खत्म होने तक परिवार को सुरक्षा प्रदान की जाए।

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सीमा कुशवाहा ने कहा- कोर्ट ने हार्ड लैंग्वेज में प्रशासन से सवाल किए

सीमा कुशवाहा ने सुनवाई के बाद बताया कि कोर्ट ने प्रशासन पर नाराजगी जताई। सीमा ने बताया, कोर्ट ने हार्ड लैंग्वेज में उनसे बात की। अगर आपको लग रहा था की लॉ एंड ऑर्डर फेल हो रहा है तो आप ज्यादा फोर्स बुलाते। वीडियो में दिख रहा है कि 2 से 3 सौ लोग पुलिस के लोग थे। क्या इतने लोग परिवार के लोगों को कंट्रोल नहीं कर पाते। आप रात भर उन्हें रोकते। 2 से 3 घंटे बाद सुबह हो जाती। तो ये बहुत सारे सवाल पूछे गए हैं। 

 

पीड़ित का पक्ष सुन कोर्ट ने प्रशासन को फटकारा 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोर्ट ने पीड़ित पक्ष के 5 सदस्यों की बात सुनी। सरकार की तरफ से एएजी विनोद शाही ने विस्तृत जवाब दिया। हाई कोर्ट ने प्रशासन को फटकार लगाई है।

बंद कमरे में पीड़ित परिवार ने सुनाई आपबीती 

बंद कमरे के अंदर सुनवाई हुई, जहां पीड़ित परिवार के अलावा डीजीपी, एडीजी लॉ एंड आर्डर, एसीएस होम के अलावा कोई नहीं था। कोर्ट ने वकील जयदीप नारायण माथुर और प्रदीप भट्टाचार्य भी कोर्ट में मौजूद थे। कोर्ट ने इन दो वकीलों को अपना सलाहकार बनाया है। 

पीड़ित परिवार के बाद प्रशासन ने रखा अपना पक्ष 

परिवार की सुनवाई के बाद हाथरस जिला प्रशासन ने अपना पक्ष रखा। सबसे आखिर में सरकार की तरफ से डीजीपी और एसीएस होम ने पक्ष रखा। 

लखनऊ बेंच में सुनवाई के दौरान कौन मौजूद था?

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई के दौरान पीड़ित परिवार, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह विभाग) अवनीश अवस्थी, डीजीपी एचसी अवस्थी और स्थानीय प्रशासन, डीएम और एसपी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

"रात ढाई बजे पीड़िता का अंतिम संस्कार किया गया"

जस्टिस राजन रॉय और जसप्रीत सिंह की बेंच ने 11 पेज के ऑर्डर में तमाम अखबारों की कटिंग का संज्ञान लिया। कटिंग में कहा गया है कि पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया गया, रीढ़ की हड्डी टूटी, जीभ काटी गई और शव को आधी रात को जला दिया गया। कोर्ट ने कहा, हमें पता चला है कि रात में दो-ढाई बजे पीड़िता का अंतिम संस्कार किया गया। पीड़िता का परिवार हिंदू धर्म का पालन करते हैं, जिसके तहत सूर्यास्त के बाद अंतिम संस्कार नहीं किया जाता है।

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