वैक्सीन पर राज्यों ने उठाये सवाल तो हर्षवर्धन ने देश के सामने रख दिया पूरा डेटा , कहा- जनता को गुमराह ना करें

केंद्र सरकार द्वारा वैक्सीन उपलब्धता में मनमानी का आरोप कई राज्यों ने लगाए हैं। राज्यों द्वारा लगाए जा रहे इन आरोपों को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डाॅ.हर्षवर्धन ने बेबुनियाद व गैर जिम्मेदाराना बताया है। केंद्रीय मंत्री डाॅ.हर्षवर्धन ने कहा कि कुछ राज्य अपनी जिम्मेदारियों में नाकाम होने पर केंद्र सरकार पर आरोप लगाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।

Asianet News Hindi | Published : Apr 7, 2021 1:54 PM IST / Updated: Apr 07 2021, 07:49 PM IST

नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा वैक्सीन उपलब्धता में मनमानी का आरोप कई राज्यों ने लगाए हैं। राज्यों द्वारा लगाए जा रहे इन आरोपों को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डाॅ.हर्षवर्धन ने बेबुनियाद व गैर जिम्मेदाराना बताया है। केंद्रीय मंत्री डाॅ.हर्षवर्धन ने कहा कि कुछ राज्य अपनी जिम्मेदारियों में नाकाम होने पर केंद्र सरकार पर आरोप लगाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में देश को यह अधिकार है कि वह तथ्यों को जाने और वैक्सीन की उपलब्धता से संबंधित सारे डेटा से अवगत हो। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद कई राज्य उससे निपटने में लापरवाही दिखा रहे हैं और लाॅकडाउन के अतिरिक्त कोई अतिरिक्त प्रयास नहीं कर रहे। 

वैक्सीन मृत्युदर रोकने के लिए, प्राथमिकता तय है

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कुछ लोग राजनीतिक वजहों से 18 साल से अधिक उम्र के युवाओं के लिए वैक्सीन की मांग कर रहे हैं। केंद्र सरकार लगातार वैक्सीन की उपलब्धता और डिमांड सप्लाई चेन डेटा को राज्य सरकारों से साझा कर रही है। वैक्सीन पहले किसको दिया जाएगा यह निर्णय केंद्र ने राज्य सरकारों से बातचीत कर साझा बैठक में तय किया था। हम लगातार उसी तय फार्मूले पर काम कर रहे हैं। 

वैक्सीन के लिए केटेगरी पहले से तय 

उन्होंने कहा कि सबको पता है कि वैक्सीनेशन का उद्देश्य मृत्यदर को कम करना है। ऐसे में वैक्सीन की उपलब्धता सबसे पहले कमजोर लोगों के लिए सुनिश्चित की जा रही है जिसके कोरोना से प्रभावित होने की सबसे अधिक आशंका है। सबसे पहले हमने कोरोना वारियर्स को वैक्सीन देने का निर्णय लिया क्योंकि ये सीधे तौर पर कोरोना मरीजों के संपर्क में रहते हैं। इसके बाद एक उम्र सीमा तय करते हुए चरणवद्ध तरीके से वैक्सीन देना प्रारंभ हुआ है। अभी 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन का डोज दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण पूरी तरह से मुफ्त है। साथ ही यह जानना होगा कि वैक्सीन की आपूर्ति फिलहाल सीमित मात्रा में ही है इसलिए हमको प्राथमिकता तय करना ही होगा क्योंकि महामारी रोकने के लिए यह एकमात्र विकल्प है। 

राज्य अभी भी वैक्सीन लगाने विफल

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डाॅ.हर्षवर्धन ने कहा कि राज्य की ओर से 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए टीका देने की मांग की जा रही है लेकिन हमने जब समीक्षा की तो कोई ऐसा राज्य नहीं है जहां समस्त फ्रंटलाइन वर्कर्स, हेल्थ वर्कर्स, वरिष्ठ नागरिकों को वैक्सीन से कवर किया जा सका हो। 

महाराष्ट्र व दिल्ली में 41 फीसदी हेल्थ वर्कर्स को ही दूसरा डोज

डाॅ.हर्षवर्धन ने बताया कि महाराष्ट्र में अभी तक 86 फीसदी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का टीकाकरण हो सका है। जबकि पंजाब में 64 फीसदी व दिल्ली में 72 फीसदी हेल्थवर्कर्स ही टीका लगवा सके हैं। हालांकि, कई राज्यों की स्थिति काफी बेहतर है। 10 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 90 फीसदी से अधिक टीकाकरण हो चुका है। महाराष्ट्र ने दूसरी खुराक के साथ केवल 41 फीसदी स्वास्थ्य कर्मचारियों का टीकाकरण किया है। दिल्ली भी 41 फीसदी व पंजाब में 27 फीसदी को ही दूसरा डोज दिया गया। महाराष्ट्र ने 73 फीसदी फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन की पहली डोज दी है जबकि दिल्ली में 71 प्रतिशत व पंजाब में 65 प्रतिशत ही पहला डोज पा सके हैं।

वरिष्ठ नागरिकों को भी नहीं किया जा सका संतृप्त

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य वरिष्ठ नागरिकों को भी वैक्सीनेट करने में काफी पीछे हैं। महाराष्ट्र में महज 25 फीसदी वरिष्ठ नागरिक वैक्सील लगवा सके हैं। दिल्ली में 30 प्रतिशत तो पंजाब में केवल 13 प्रतिशत सीनियर सिटीजन कोरोना से बचने के लिए टीका लगवा सके हैं। 

राजनीतिक बयान देकर लोगों का ध्यान भटकाया जा रहा

डाॅ.हर्षवर्धन ने कहा कि टीम बनकर महामारी रोकने की बजाय कुछ लोग गलतबयानी कर लोगों का ध्यान भटका रहे और अपनी विफलताओं को छिपाने का प्रयास कर रहे हैं। स्वास्थ्य मुद्दों का राजनीतिकरण बेहद घातक है। महाराष्ट्र के कुछ नेता टीका की कमियों को बताकर लोगों में भय व्याप्त कर रहे हैं। ऐसे मूर्खतापूर्ण बयान निराशाजनक है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन आपूर्ति की वास्तविक समय पर निगरानी की जा रही है और राज्य सरकारों को इसके बारे में नियमित रूप से अवगत कराया जा रहा है। टीका की कमी के आरोप पूरी तरह से निराधार हैं।

केंद्र सरकार महराष्ट्र की हर मदद कर रही और करेगी

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र को महामारी रोकने के लिए कुछ आवश्यक कदम उठाने चाहिए। राज्य सरकार निजी हित के लिए ऐसे कोई कदम न उठाए जो लोगों के लिए घातक हो। केंद्र सरकार उनकी हर संभव मदद करेगी। लेकिन राजनीति खेलने और झूठ फैलाने के लिए अपनी सारी ऊर्जाओं पर ध्यान केंद्रित करने से महाराष्ट्र के लोगों का भला होने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि हमने छत्तीसगढ़ के नेताओं द्वारा नियमित टिप्पणियां देखी हैं जिनका उद्देश्य टीकाकरण पर गलत सूचना और आतंक फैलाना है। मैं विनम्रतापूर्वक कहना चाहूंगा कि अगर राज्य सरकार को लोगों के लिए काम करना चाहिए न कि लोगों को बरगलाने के लिए।

Share this article
click me!