Heatwave India: लू के थपेड़ों से जल रहे देश के कई राज्य, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की हाई लेवल मीटिंग में बना ये प्लान?

Published : Jun 20, 2023, 03:23 PM ISTUpdated : Jun 20, 2023, 03:35 PM IST
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सार

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री (Union Health Minister) मनसुख मंडाविया ने लू से बचाव को लेकर हाई लेवल मीटिंग की है। स्वास्थ्य तैयारियों की समीक्षा के साथ ही केंद्रीय मंत्री ने योजना भी तैयार की है। 

Heatwave India. यूपी-बिहार सहित देश के कई राज्यों में भीषण गर्मी के साथ लू के थपेड़े चल रहे हैं, जिससे लोग बीमार होकर हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं। अकेले यूपी के बलिया जिले में 60 से ज्यादा लोगों की मौत हीटवेव की वजह से हो चुकी है। यही वजह है कि केंद्र सरकार हाई अलर्ट मोड पर है, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने हाई लेवल मीटिंग करके लू से बचाव की योजना पर अधिकारियों के साथ चर्चा की है।

केंद्र सरकार ने लू से बचाव को लेकर क्या योजना बनाई

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने लू से बचाव को लेकर हाई लेवल मीटिंग की है। इस दौरान उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में लू चल रही हैं, वहां केंद्र से एक टीम भेजी जाएगी। जिसमें आपदा प्रबंधन के साथ ही मौसम विभाग और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी भी शामिल रहेंगे। यह टीमें लू से जूझ रही राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वह देश के पूर्वी राज्यों ओडिशा, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, झारखंड और बिहार के आपदा प्रबंधन अधिकारियों से बातचीत करेंगे और राज्यों के मौजूदा हालात की जानकारी लेंगे।

क्या होती हीटवेव और कैसे यह खतरनाक है

गर्मी में बढ़ने वाले तापमान की वजह से उमस होती है और गर्म हवाएं चलती हैं। यही गर्म हवाएं हीटवेव या लू के तौर पर जानी जाती हैं। लू लगने पर शरीर में पानी की कमी हो जाती है और व्यक्ति बीमार हो जाता है। ऐसे में शरीर में ग्लूकोज का लेवल मेंटेन करना जरूरी हो जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ घरेलू नुख्से जैसे प्याज पीसकर लेपन करना या फिर कच्चे आम के पन्ने का सेवन किया जाता है। लेकिन स्थिति बिगड़ने पर डॉक्टर के पास जाना पड़ता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो गर्मी की वजह से जब पसीना औता है तो वह वाष्पित होता है। लेकिन जब गर्मी और उमस बढ़ती है तो पसीना नहीं निकल पाता, यही स्थिति खतरनाक बना जाती है। ऐसे में शरीर का टेंपरेचर गड़बड़ हो जात है और हीथस्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

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